कुल पेज दृश्य

22 नवंबर 2024

स्पिनिंग मिलों की खरीद से गुजरात एवं उत्तर भारत में कॉटन तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर स्पिनिंग मिलों की मांग बढ़ने के कारण गुरुवार को दोपहर बाद गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में तेजी आई। गुजरात की मंडियों में पिछले सात कार्य दिवसों से इसके भाव में लगातार गिरावट बनी हुई थी।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव में गुरुवार को 250 रुपये की तेजी आकर दाम 53,800 से 54,100 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए। इसकी कीमतों में 12 नवंबर से 20 नवंबर तक 1,350 रुपये प्रति कैंडी का मंदा आया था।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव तेज होकर 5640 से 5650 रुपये प्रति मन बोले गए।
हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव बढ़कर 5625 से 5635 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव तेज होकर 5610 से 5660 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव तेज होकर 54,200 से 54,300 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए। देशभर की मंडियों में कपास की आव 1,46,900 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स के साथ ही एनसीडीएक्स पर आज शाम को कॉटन की कीमतों में में मिलाजुला रुख रहा। इस दौरान आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में तेजी आई।

नीचे दाम पर स्पिनिंग मिलों की मांग बढ़ने के कारण गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में तेजी आई है। व्यापारियों के अनुसार विदेशी बाजार में कॉटन की कीमतों में सुधार तो आया है, लेकिन अभी एकतरफा बड़ी तेजी के आसार नहीं है। खपत का सीजन होने के बावजूद भी सूती धागे की स्थानीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है साथ ही कॉटन के निर्यात में भी पड़ते नहीं लग रहे, क्योंकि विश्व बाजार में कॉटन की कीमत अभी भी भारत की तुलना में पांच से छह फीसदी कम हैं। हालांकि चालू सीजन में बुआई में आई कमी के साथ ही कई राज्यों में अक्टूबर में हुई बारिश से कॉटन के उत्पादन और क्वालिटी पर पड़ने की आशंका है। इसलिए कॉटन की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। हालांकि विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण चालू सीजन में अभी तक आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हुए हैं।

सीसीआई ने 15 नवंबर को तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा में फसल सीजन 2023-24 की 28,800 गांठ कॉटन की बिक्री की थी।

कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो क‍ि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई के आरंभिक अनुसार के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 302.25 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन 2023-24 के 325.29 लाख गांठ से कम है।

कोई टिप्पणी नहीं: