कुल पेज दृश्य

19 नवंबर 2024

स्पिनिंग मिलों की मांग घटने से गुजरात के साथ ही उत्तर भारत में कॉटन कमजोर

नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की मांग घटने के कारण मंगलवार को गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन के दाम कमजोर हुए।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव में मंगलवार को 300 रुपये की गिरावट आकर दाम 54,800 से 55,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में नई रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर 5660 से 5670 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में नई रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5630 से 5640 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में नई रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5635 से 5675 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 54,300 से 54,500 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आव 1,26,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स के साथ ही एनसीडीएक्स पर आज शाम को कॉटन की कीमतों में में गिरावट का रुख रहा। इस दौरान आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में भी कॉटन की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में गिरावट आई, लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में इसकी कीमत नरम हुई। विदेशी बाजार में कॉटन के भाव में हाल ही में मंदा आया है, जिस कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतों पर दबाव है। व्यापारियों के अनुसार दीपावली के बाद सूती धागे की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर हुई है साथ ही कॉटन के निर्यात में भी पड़ते नहीं लग रहे। हालांकि चालू सीजन में बुआई में आई कमी के साथ ही कई राज्यों में अक्टूबर में हुई बारिश से कॉटन के उत्पादन और क्वालिटी पर पड़ने की आशंका है। इसलिए कॉटन की कीमत रुक सकती है। हालांकि विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हुए हैं।

जानकारों के अनुसार कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई कई राज्यों की मंडियों से न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर कपास की खरीद कर रही है, लेकिन नए मालों में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण समर्थन मूल्य पर खरीद सीमित मात्रा में ही हो रही है। हालांकि आगामी दिनों में सूखे मालों की आवक बढ़ने पर खरीद में तेजी आने का अनुमान है।

कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो क‍ि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई के आरंभिक अनुसार के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 302.25 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन 2023-24 के 325.29 लाख गांठ से कम है।

कोई टिप्पणी नहीं: