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19 जून 2024

साठी धान की आवक बढ़ने के बावजूद भी बासमती चावल में मंदे के आसार नहीं

नई दिल्ली। उत्तर भारत के राज्यों में नए साठी धान की आवक बढ़ने के बावजूद भी बासमती चावल में निर्यातकों की मांग बराबर बनी हुई है, इसलिए बासमती चावल की मौजूदा कीमतों में मंदे के आसार नहीं है।


उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में नए साठी धान की आवकों में बढ़ोतरी हुई है, तथा इसके भाव लगभग स्थिर से बने हुए हैं। दिल्ली की नरेला एवं नजफगढ़ मंडी में पूसा 1,121 किस्म के पुराने धान की कीमतों में सोमवार को तेजी दर्ज की गई। दिल्ली की नरेला मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान के दाम तेज होकर 4,792 रुपये और पूसा 1,509 किस्म के पुराने धान के भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। नजफगढ़ मंडी में पुराने 1,121 किस्म के धान के दाम तेज होकर बोली पर 4,821 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाइन के 1,718 किस्म के धान का व्यापार 4,341 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

उत्तराखंड की गदरपुर मंडी में सोमवार को करीब 25,000 बोरी साठी धान की आवक हुई तथा 1,509 किस्म के धान का व्यापार 2,600 से 2,700 रुपये और नूरी का 1,800 से 1,940 रुपये तथा पीआर 26 किस्म के धान का व्यापार 1,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

बिलासपुर मंडी में नए साठी धान की आवक 3,000 बोरियों की हुई तथा पूसा 1,509 किस्म के धान का व्यापार 2,600 से 2,700 रुपये और नूरी किस्म के धान का 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। डिबाई मंडी में नए साठी धान की आवक 2,000 बोरियों की हुई तथा इसका व्यापार 2,800 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

जानकारों के अनुसार बासमती चावल में निर्यातकों की पूछपरख बढ़ने से 50 रुपये की तेजी आई। उत्तर प्रदेश लाईन से 1,509 किस्म के पुराने सेला चावल का व्यापार 6,450 से 6,500 रुपये और इसके नए सेला चावल का 5,850 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। 1,718 किस्म के सेला चावल का व्यापार 7,200 से 7,250 रुपये और सुगंधा के सेला का व्यापार 4,900 से 4,950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

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