नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने अप्रैल में देश से जहां बासमती चावल के निर्यात में 10.39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 38.12 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल में बासमती चावल का निर्यात 10.39 फीसदी बढ़कर 4.99 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 4.25 लाख टन का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल में 38.12 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 8.78 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 14.19 लाख टन का हुआ था।
व्यापारियों के अनुसार नीचे दाम पर राइस मिलों की बिक्री कमजोर होने से पिछले तीन, चार दिनों में बासमती चावल की कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। स्थानीय मांग बनी रहने से बासमती चावल की कीमतों में हल्का सुधार तो और भी सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार कम है। आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में साठी धान की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी, जिसका असर बासमती चावल की कीमतों पर पड़ेगा।
दिल्ली के नया बाजार में सोमवार को पूसा 1,121 स्टीम चावल के भाव बढ़कर 8,700 से 8,800 रुपये और इसका सेला चावल का 7,500 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इस दौरान पूसा 1,509 किस्म के स्टीम चावल का दाम बढ़कर 7,600 से 7,700 रुपये और इसके सेला चावल का 6,500 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। जानकारों के अनुसार उत्तर प्रदेश लाइन से साठी पूसा 1,509 स्टीम चावल का व्यापार 6,000 प्रति क्विंटल हुआ है। उधर मध्य प्रदेश की डबरा मंडी में नए साठी पूसा 1,509 धान किस्म के धान के भाव 2,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हालांकि नए मालों में नमी की मात्रा ज्यादा है, साथ ही क्वालिटी काफी हल्की है।
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