नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में नेफेड एवं हैफड के पास करीब 27 लाख टन सरसों का स्टॉक है, जबकि चालू फसल सीजन के पहले तीन महीनों मार्च से मई अंत तक उत्पादक मंडियों में 57.50 लाख सरसों की आवक हो चुकी है, जिसमें से 32 लाख टन की पेराई हुई है।
उद्योग के अनुसार नेफेड एवं हैफेड के पास सरसों का पुराना करीब 7.50 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ था, जबकि चालू सीजन में 19.50 लाख टन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर की है। अत: केंद्रीय पूल में मई अंत में 27 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक है।
चालू फसल सीजन के पहले महीने मार्च में 15.50 लाख टन सरसों की आवक हुई थी, जबकि अप्रैल में उत्पादक मंडियों में 11.50 लाख टन और मई में 11 लाख टन सरसों की आवक हुई। उद्योग के अनुसार मार्च में 13 लाख टन सरसों की पेराई हुई, जबकि अप्रैल और मई में क्रमश: 9 और 10 लाख टन की पेराई हुई।
पहली मार्च को सरसों का बकाया स्टॉक 4.50 लाख टन का बचा हुआ था, जबकि मई अंत तक 57.50 लाख गांठ की आवक हुई है, जिसमें से 19.50 लाख टन की खरीद नेफेड और हैफेड ने की है। इस दौरान 32 लाख टन की पेराई हुई है अत: मिलों एवं स्टॉकिस्टों के पास 10.50 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक है।
चालू रबी सीजन में सरसों का उत्पादन 116 लाख टन का हुआ था, जिसमें से 57.50 लाख टन की आवक हुई है। अत: किसानों के पास 58.50 लाख टन सरसों का स्टॉक बचा हुआ है जबकि मिलर्स एवं स्टॉकिस्टों के पास 10.50 लाख टन तथा केंद्रीय पूल में 27 लाख टन को मिलाकर मई अंत में देशभर में सरसों का बकाया स्टॉक 96 लाख टन का है।
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