नई दिल्ली। पहली जून 2024 से शुरू होने वाले मानसूनी सीजन में पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने पूर्वानुमान में सोमवार को बताया कि बारिश सामान्य से अधिक दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 106 फीसदी होने की अनुमान है।
आईएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूरे देश में 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत पहली जून 2024 से 30 सितंबर 2024 के बीच मानसून सीजनल रेनफॉल लॉन्ग टर्म एवरेज (एलपीए) का 106 फीसदी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर सीजनल रेनफॉल के दीर्घावधि औसत की 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच बारिश होती है तो वो सामान्य होती है।
उन्होंने बताया कि 106 फीसदी बारिश सामान्य से अधिक की श्रेणी में आती है और अगर दीर्घावधि औसत की 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच बारिश होती है तो इसे सामान्य से अधिक माना जाता है। उन्होंने बताया कि अच्छे मानसून से संबंधित ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक सक्रिय होने की संभावना है।
मृत्युंजय महापात्र ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1951-2023 के बीच के आंकड़ों के आधार पर, भारत में मानसून के मौसम में नौ मौकों पर सामान्य से अधिक बारिश हुई, जब ला नीना के बाद अल नीनो की घटना हुई है। मौसम विभाग की मानें तो इस बार अल नीनो के कमजोर पड़ने के बाद मानसून सीजन में ला-नीना का प्रभाव बढ़ेगा। इसका असर ये होगा कि देश में सामान्य से अधिक बारिश होगी।
आईएमडी के अनुसार इस बार अधिकांश इलाकों में सामान्य बारिश होगी, लेकिन उत्तर पश्चिमी राज्यों में इससे उलट हो सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि गुजरात, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, बंगाल और जम्मू-कश्मीर के साथ पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है।
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