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22 अप्रैल 2024

चालू सीजन में सीसीआई 5.13 लाख गांठ कॉटन की कर चुकी है बिक्री, भाव में मंदा

नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2023-24 में सीसीआई अभी तक उत्पादक राज्यों में 5.13 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन की बिक्री कर चुकी है तथा निगम ने 11 अप्रैल को 1,000 गांठ कॉटन की बिक्री की थी। स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने से शुक्रवार को घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में मंदा आया।


सूत्रों के अनुसार कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई ने पहली अक्टूबर से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2023-24 में अभी तक 32.84 लाख गांठ कॉटन की खरीद की है, जिसमें से निगम अभी तक 5.13 लाख गांठ की बिक्री कर चुकी है। अत: निगम के पास 11 अप्रैल 2024 को 27.71 लाख गांठ कॉटन का स्टॉक बचा हुआ है।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में मंदा आया।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 600 रुपये घटकर 59,300 से 59,600 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो पर रह गए।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर 5850 से 5875 रुपये प्रति मन बोले गए।
हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5750 से 5850 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर 5450 से 6050 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के दाम 58,300 से 58,500 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 47,400 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स के साथ ही एनसीडीएक्स पर आज शाम को कॉटन की कीमतों में शाम को गिरावट का रुख रहा। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में शाम के सत्र में मंदा आया।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने से गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतें नरम हुई। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में आईसीई में कॉटन की कीमतों में मंदा आया है जिस कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। देशभर की अधिकांश छोटी स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है, जबकि खपत का सीजन होने के कारण आगामी दिनों में सूती धागे में मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए मिलों को चालू महीने में कॉटन की खरीद करनी होगी। उधर सीसीआई कॉटन की बिक्री हाजिर बाजार के भाव की तुलना में ऊंचे दाम पर कर रही है। उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवकों में आगामी दिनों में कमी आने का अनुमान है। अत: घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी विश्व बाजार के दाम पर ही निर्भर करेगी।

सीसीआई के अनुसार 1 अप्रैल 2024 तक देशभर की मंडियों में कॉटन की आवक 261.06 लाख गांठ की हो चुकी है।

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