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28 मार्च 2023

तेल मिलों की मांग कमजोर होने से सरसों के भाव घटे, दैनिक आवकों में बढ़ोतरी

नई दिल्ली। तेल मिलों की मांग होने से घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों की कीमतें कमजोर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये घटकर दाम 5,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 12 लाख बोरियों की हुई।


व्यापारियों के अनुसार घरेलू बाजार में तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही  हैं, क्योंकि विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है। उत्पादक राज्यों में मौसम साफ होने से सरसों की दैनिक आवक बढ़ी है। मार्च क्लोजिंग के कारण भी व्यापार कम हो रहा है। इसलिए सरसों की कीमतों में भी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

पिछले सात कारोबारी दिनों में लगातार गिरावट के बाद मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुआ। निर्यात के मजबूत आंकड़ों से पाम तेल के भाव में सुधार तो आया लेकिन सोया तेल के दाम कमजोर होने से तेजी सीमित रही।

कार्गो सर्वेक्षकों ने शनिवार को कहा कि पहली से 25 मार्च के दौरान मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात एक महीने पहले की तुलना में 11.4 फीसदी और 19.8 फीसदी के बीच बढ़ा है।

उधर इंडोनेशियाई पाम ऑयल एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इंडोनेशिया ने जनवरी में 2.95 मिलियन टन पाम तेल का निर्यात किया, जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 35.2 फीसदी अधिक है।

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जून महीने के वायदा अनुबंध में पाम ऑयल के भाव 65 रिंगिट यानी 1.9 फीसदी बढ़कर 3,577 रिंगिट प्रति टन हो गए। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.2 फीसदी तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 2.0 फीसदी बढ़ गया। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतें 0.1 फीसदी कमजोर हुई।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को 2-2 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1079 रुपये और 1069 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 10 रुपये तेज होकर भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर 12 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 11.75 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 6.50 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 60 हजार बोरी तथा गुजरात में 85 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1.55 लाख बोरियों की आवक हुई।

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