नई दिल्ली। सूत्रों के अनुसार पहली अप्रैल 3023 से शुरू होने रबी विपणन सीजन 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 350 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है। खाद्य मंत्रालय, राज्य के खाद्य विभागों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारियों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
पिछले रबी विपणन सीजन 2022-23 में एफसीआई ने एमएसपी पर 187.92 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। पिछले साल मौसम गर्म होने की वजह से गेहूं की उत्पादकता प्रभावित हुई थी, इसलिए सरकारी खरीद तय लक्ष्य से कम हो पाई।
पहली अप्रैल से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2,125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जोकि पिछले रबी विपणन सीजन के मुकाबले 110 रुपये ज्यादा है। हालांकि उत्पादक मंडियों में अभी गेहूं के दाम एमएसपी से अभी ज्यादा है। द्य
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार 11.21 करोड़ टन होने का अनुमान है, तथा उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है, इसलिए होली के बाद गुजरात और मध्य प्रदेश में गेहूं की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी।
एफसीआई की बुधवार को हुई चौथी ई-नीलामी में 11.57 लाख टन गेहूं की बिक्री की पेशकश की गई थी। इसकी तुलना में 5.4 लाख टन गेहूं के लिए बोली लगी। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा थोक खरीदारों को गेहूं की बिक्री से घरेलू बाजार में गेहूं और आटा के भाव घटे हैं।
केंद्र सरकार केंद्रीय पूल से ओएमएसएस के तहत 50 लाख टन गेहूं बेच रही है। इसमें 45 लाख टन गेहूं की बिक्री आटा मिलों, गेहूं उत्पाद निर्माताओं और बड़े व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को एफसीआई के जरिये की जा रही है। इससे पहले तीन नीलामी में एफसीआई 18.07 लाख टन गेहूं की बिक्री कर चुका है। चौथी नीलामी के बाद गेहूं की कुल बिक्री 23.47 लाख टन हो चुकी है।
एफसीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बोली लगाने वाले खरीदारों की ओर से 28 फरवरी तक 14.35 लाख टन गेहूं उठा लिया गया है।
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