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13 मार्च 2023

तेल मिलों की मांग कमजोर होने से सरसों के भाव घटे, दैनिक आवकों में बढ़ोतरी

नई दिल्ली। तेल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में शुक्रवार को सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होकर भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 9.50 लाख बोरियों की हुई।


विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम कमजोर हुए है। मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी आई है, साथ ही बकाया स्टॉक भी कम हुआ है। इसके बावजूद भी पाम तेल के दाम तीन सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए। मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी के अंत में मलेशिया में पाम तेल का भंडार पिछले महीने की तुलना में 6.6 फीसदी गिरकर 2.12 मिलियन टन रह गया, जो छह महीने में सबसे कम है।

व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम साफ हो गया है, जिससे आगामी दिनों में सरसों की दैनिक आवक बढ़ेगी। सरसों की कीमतों में हाल ही आई गिरावट के कारण स्टॉकिस्ट एवं मिलर्स भाव और नीचे आने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद शुरू होने के बाद ही भाव में सुधार आयेगा।

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बीएमडी पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में पाम तेल के भाव 107 रिंगिट यानी 2.54 फीसदी कमजोर होकर 4,098 रिंगिट प्रति टन रह गए। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.1 फीसदी गिर गया जबकि इसके पाम तेल के वायदा अनुबंध में 1.7 फीसदी की गिरावट आई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.2 फीसदी नीचे थीं।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को 8-8 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1092 रुपये और 1082 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2400 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शुक्रवार को बढ़कर 9.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 8 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 5 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में एक लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.05 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 35 हजार बोरी तथा गुजरात में 70 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1.40 लाख बोरियों की आवक हुई।

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