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22 मार्च 2023

मिलों की खरीद कम होने से चना एवं अरहर में मंदा, मूंग के दाम दूसरे दिन तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में मंगलवार को अरहर एवं चना की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मूंग के दाम लगातार दूसरे दिन तेज हो गए। उड़द की कीमतों इस दौरान जहां मिलाजुला रुख रहा, वहीं मसूर के दाम लगभग स्थिर हो गए।


व्यापारियों के अनुसार मार्च क्लोजिंग के कारण दालों में व्यापार कमजोर रहेगा, वैसे भी बढ़े दाम पर दालों में खुदरा के साथ ही थोक मांग घटी है, इसलिए इनके भाव में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने के आसार हैं।

हाल ही में देश के कई राज्यों में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से चना, मसूर, उड़द एवं मूंग की फसल को नुकसान हुआ है, साथ ही प्रभावित राज्यों की मंडियों में दलहन की आवकों में भी कमी आई है।  

व्यापारियों के अनुसार बढ़े दाम पर दाल मिलों की खरीद कम होने से सुबह के सत्र में आयातित उड़द के दाम कमजोर हुए थे, लेकिन आयातकों की बिकवाली कम आने से शाम के सत्र में चेन्नई में इसके भाव में सुधार आया। जानकारों के अनुसार मौसम खराब बना रहा तो घरेलू बाजार में इसके भाव में अभी ज्यादा मंदे की उम्मीद नहीं है। वैसे भी बर्मा से आयातित उड़द, देसी के मुकाबले महंगी है। हालांकि जानकारों के अनुसार उड़द दाल में बढ़े दाम पर दक्षिण भारत की मांग कमजोर हुई है, तथा मौसम अनुकूल होने के बाद उत्पादक मंडियों रबी उड़द की आवक बढ़ेगी।

बर्मा से अरहर एवं उड़द के अप्रैल के पहले सप्ताह तक करीब 1,800 से 2,000 कंटेनर भारतीय बंदरगाह पर पहेंचे।

घरेलू बाजार में लेमन अरहर के साथ ही देसी अरहर के दाम कमजोर हुए हैं। बर्मा में लेमन अरहर के दाम नरम होने के साथ ही घरेलू बाजार में अरहर दाल में उठाव कमजोर होने से भाव में मंदा आया है। हालांकि बर्मा से अरहर के आयात पड़ते अभी भी महंगे हैं, इसलिए स्टॉकिस्ट इसके भाव में ज्यादा मंदे में नहीं है। जानकारों के अनुसार बढ़े दाम पर खुदरा एवं थोक में दाल में मांग कमजोर है, जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। बर्मा के साथ ही अफ्रीकी देशों से अरहर का आयात अभी जारी रहेगा। इसलिए अरहर की कीमतों में तेजी, मंदी बनी रह सकती है।

हिंगनघाट मंडी में नई अरहर के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 7700 से 8875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि दैनिक आवक 2,500 बोरियों की हुई। अकोला मंडी में नई अरहर के बिल्टी दाम 8525 से 8550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

अकोला मंडी में नए चना के भाव 4400 से 4825 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, तथा आवक 5,000 कट्टों की हुई।

चंदौसी मंडी में उड़द के दाम 100 रुपये कमजोर होकर बिल्टी भाव 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

ललितपुर मंडी में मसूर के दाम 5,600 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, तथा आवक 10,000 कट्टों की हुई। कानपुर मंडी में उत्तर प्रदेश लाइन की नई मसूर के दाम 50 रुपये तेज होकर 6,275 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव 75 रुपये तेज होकर 6,275 प्रति क्विंटल बोले गए।

प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश में खराब मौसम से मसूर की फसल को नुकसान हुआ है, जिस कारण देसी मसूर के दाम तेज हैं। हालांकि बंदरगाह पर आयातित मसूर के भाव स्थिर बने रहे। जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्य में मौसम खराब रहने से स्टॉकिस्ट भाव तेज कर रहे हैं। वैसे भी इस समय नई फसल की कटाई चल रही है, ऐसे में बारिश या फिर ओलावृष्टि से जहां नई फसल की आवक प्रभावित होगी, वहीं क्वालिटी को भी नुकसान हेागा। इसलिए मसूर के भाव में हल्की तेजी और बन सकती है। हालांकि चालू चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई बढ़ी है तथा उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। उधर कनाडा के साथ ही ऑस्ट्रेलिया से आयात बना रहेगा।

दाल मिलों की मांग घटने से दिल्ली में चना के दाम कमजोर हुए हैं, हालांकि खराब बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान को देखते हुए व्यापारी अभी ज्यादा मंदे में नहीं है। उत्पादक राज्यों में खराब मौसम जारी रहा तो, चना के भाव में सुधार आ सकता है। नेफेड ने सभी राज्यों में चना की बिक्री बंद कर दी है, साथ ही एमएसपी पर चना की खरीद में भी पहले की तुलना में तेजी आई है।

दिल्ली में मूंग के भाव लगातार दूसरे दिन 100 रुपये तेज हो गए, उत्पादक राज्यों में खराब मौसम का असर मूंग की फसल पर पड़ रहा है, इसलिए मूंग के भाव में हल्का सुधार और भी बन सकता है। हालांकि मूंग दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। चालू रबी सीजन में मूंग की बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।

दाल मिलों की मांग घटने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू नई एवं पुरानी के दाम 50-50 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 7600 से 7625 रुपये और 7525 से 7550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान नई उड़द एसक्यू के दाम 75 रुपये कमजोर होकर 8275 से 8300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पुरानी उड़द एसक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 8200 से 8225 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में नई उड़द एफएक्यू की कीमतें 7400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई।

चेन्नई में उड़द एसक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के शाम के सत्र में 25 रुपये तेज होकर 8075 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 50 रुपये कमजोर होकर दाम 8250 से 8275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

इस दौरान चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 8000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गए।

दाल मिलों की सीमित मांग के कारण मुंबई में लेमन अरहर के दाम 8050 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें स्थिर बनी रही। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 6500 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर हो गई। मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 6700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 8000 से 8050 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान तंजानिया की अरुषा अरहर के दाम 6850 से 6900 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर हो गए। मलावी से आयातित अरहर के दाम 6150 से 6200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की सीमित मांग से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर के दाम क्रमश: 6,050 रुपये और 6,275 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5750 से 5775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5,850 से 5,875 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,125 से 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,200 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर हो गई।

दिल्ली में राजस्थान के नए चना के भाव 75 रुपये कमजोर होकर दाम 5150 से 5175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पुराने चना के दाम 50 रुपये घटकर 5250 से 5275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव 25 रुपये नरम होकर 5250 से 5275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में लगातार दूसरे दिन 100 रुपये तेज होकर 8500 से 8600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। 

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