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11 मार्च 2023

केंद्र सरकार ने सूरजमुखी तेल के शुल्क मुक्त आयात कोटे को समाप्त किया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकार ने क्रूड सूरजमुखी तेल के शुल्क मुक्त आयात कोटा को बंद करने का फैसला किया है, इससे घरेलू जहां घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के साथ ही तिलहन की कीमतों में सुधार आयेगा। जानकारों के अनुसार आगामी महीनों में पाम तेल का आयात बढ़ने की उम्मीद है।


विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पहली अप्रैल 2023 से टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत सूरजमुखी तेल का आयात बंद करने का फैसला किया है। टैरिफ रेट कोटा के तहत सूरजमुखी तेल के आयात की अंतिम तिथि को संशोधित कर 31 मार्च, 2023 कर दिया गया है। इसके अलावा, 2023-24 के लिए सूरजमुखी तेल के आयात के लिए टीआरक्यू का कोई आवंटन नहीं किया जाएगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जारी वर्ष 2023-24 के लिए कच्चे सूरजमुखी के बीज के तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की वैधता 30 जून 2023 तक आयात की मंजूरी के लिए मान्य होगी, बशर्ते बिल ऑफ लैडिंग तिथि 31 मार्च 2023 या उससे पहले की हो।

केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों कीमतों को कम करने के लिए सूरजमुखी तेल के 20 लाख टन वार्षिक आयात पर सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना विकास उपकर में छूट दी थी।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात को बंद करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। एसईए ने कहा है कि यह एक स्वागत योग्य कदम है जो घरेलू रिफाइनरी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा और साथ ही किसानों को रबी तिलहन फसलों का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगा।

इस समय रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की कटाई चल रही है, तथा देश के कई राज्यों में सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गए हैं।

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