कुल पेज दृश्य

02 नवंबर 2022

ग्राहकी कमजोर होने से दलहन की कीमतों में गिरावट, नीचे दाम पर बिकवाली कमजोर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण मंगलवार को अरहर, उड़द एवं मूंग के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर हुई है, हालांकि नीचे दाम पर बिकवाली भी पहले की तुलना में घटी है। इसलिए हाजिर बाजार में इनके भाव में ज्यादा मंदे के आसार नहीं है।


एनसीसीएफ ने आज एक लाख टन आयातित अरहर की खरीद के लिए निविदा जारी की है। केंद्र सरकार बफर स्टॉक के लिए आयातित अरहर की खरीद कर रही है तथा केंद्र सरकार ने बर्मा की अरहर की खरीद का आधार मूल्य 7,953 रुपये प्रति क्विंटल और अफ्रीका अरहर की खरीद के लिए 5,980 रुपये प्रति क्विंटल का भाव तय किया है। 

सूत्रों के अनुसार बर्मा में उड़द एफएक्यू, एसक्यू के भाव क्रमशः: 800 डॉलर और 940 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे। इस दौरान लेमन अरहर की 905 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ के पूर्व स्तर पर टिकी रही। हालांकि इन भाव में आज भी भारतीय आयातकों ने कोई व्यापार नहीं किया। म्यांमार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारतीय आयातक अभी इंतजार करों एवं देखो की नीति अपना रहे हैं।

अफ्रीकी देशों से अरहर के वैसल रवाना शुरू होने से कीमतों पर दबाव बना है, हालांकि देसी अरहर में अच्छी क्वालिटी में बिकवाली कमजोर है। दूसरा केंद्रीय एजेंसियां बफर स्टॉक के लिए अरहर की खरीद कर रही हैं। इसलिए अरहर की कीमतों में अभी बड़ी गिरावट के आसार कम है। राज्य सरकारें जहां अरहर दाल की खरीद निविदा के माध्यम से कर रही हैं, वहीं अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर में ही बनेगी। चालू खरीफ में बुआई में कमी आई है, साथ ही उत्पादक राज्यों में मौसम भी प्रतिकूल रहा था, जिसका असर उत्पादकता पर भी पड़ने का डर है।

उड़द की आवक उत्पादक राज्यों की मंडियों में बराबर हो रही है, तथा हल्की क्वालिटी के मालों की आवक ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव है। व्यापारियों के अनुसार बर्मा में दाम कम होने से उड़द की कीमतों में मंदा आया है, लेकिन अभी बड़ी गिरावट की उम्मीद कम है। उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग बढ़ने की संभावना है, साथ ही मिलर्स अच्छी क्वालिटी की उड़द की खरीद कर रही हैं। केंद्रीय पूल में भी उड़द का बकाया स्टॉक कमजोर है, जबकि केंद्रीय एजेंसियां आयातित उड़द निविदा के माध्यम से खरीद रही है।

ऑस्ट्रेलिया में मौसम में सुधार आने से मसूर की कीमतों पर दबाव बना है, जानकारों के अनुसार घरेलू बाजार में हाल ही में मसूर के दाम एकतरफा तेज हुए थे, इसलिए हल्की गिरावट आई है। हालांकि उत्पादक मंडियों में देसी मसूर की आवक नहीं के बराबर हो रही है, जबकि नई फसल की आवक अप्रैल में बनेगी। इसलिए मसूर की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। आगामी दिनों में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से आयातित मसूर के आधार पर बाजार चलेगा।

मूंग की आवक राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की लाईन की मंडियों में बढ़ी है, जबकि मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं, इसलिए बढ़े भाव में मांग कम होने से मूंग की कीमतों में गिरावट आई है। आगामी दिनों में मूंग की तेजी, मंदी काफी हद तक एमएसपी पर खरीद कैसी होती है इस पर निर्भर करेगी।

चना की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहेगी। नेफेड जहां लगातार नीचे दाम पर चना की बिकवाली कर रही है, वहीं ब्याह शादियों का सीजन होने के कारण चना दाल और बेसन में मांग बनी रहने की उम्मीद है।  

मुंबई में बर्मा लाइन की लेमन अरहर का हाजिर में बकाया स्टॉक नहीं के बराबर है।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल तक कमजोर हुए। तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 6300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मटवारा अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 6100 से 6150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मलावी से आयातित अरहर के दाम 50 घटकर 5250 से 5350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 50 रुपये नरम होकर 600 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ स्थिर हो गई। सूडान से आयातित अरहर के दाम 7650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

महाराष्ट्र की मंडियों में देसी अरहर के दाम कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 75 रुपये की गिरावट आकर दाम 7650 से 7675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

इस दौरान चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 50 रुपये घटकर दाम 7350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगामी दिनों में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों की निविदा से अरहर दाल में मांग बढ़ सकती है।

दाल मिलों की कमजोर मांग से मुंबई में उड़द एफएक्यू की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 7000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में दाम कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 25-75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7200 से 7225 रुपये और 8250 से 8275 प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में उड़द एसक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के 75 रुपये घटकर 7900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान दिसंबर डिलीवरी के उड़द एसक्यू के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 7850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के दाम 50 रुपये घटकर 6,400 से 6425 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान हजिरा बंदरगाह पर इसके दाम 6,525-6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6800 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर बनी रही लेकिन ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें वैसल में 50 रुपये कमजोर होकर 6750 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 7050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 6,725 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के भाव 4875 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे, जबकि मध्य प्रदेश के चना के भाव 4825 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गए।

राजस्थान लाईन की मूंग के दाम दिल्ली में शाम के सत्र में 100 रुपये कमजोर होकर भाव 7100 से 7150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

कोई टिप्पणी नहीं: