नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2022 से शुरू हुए फसल सीजन 2022-23 में देश में 344 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन का उत्पादन होने का अनुमान है, जबकि घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण निर्यात पहले के अनुमान से पांच लाख गांठ घटकर 30 लाख गांठ ही होने का अनुमान है।
कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीएआई के अनुसार घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतें तेज हैं, जिस कारण इसका निर्यात 35 लाख गांठ से घटकर 30 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। चालू सीजन में 12 लाख गांठ कॉटन का आयात होने का अनुमान है।
चालू फसल सीजन की पहली तिमाही में कपास की घरेलू खपत केवल 55 लाख गांठ ही होने की उम्मीद है, क्योंकि मिलें केवल 50/60 फीसदी उत्पादन क्षमता का ही उपयोग कर पा रही हैं । पिछले साल की पहली तिमाही में 80 लाख गांठ कॉटन की खपत हुई थी। सूती धागे और कपड़े में निर्यात मांग कमजोर है जिस कारण आरंभिक अनुमान के अनुसार कॉटन की खपत 320 लाख गांठ में 20 लाख गांठ घटकर केवल 300 लाख गांठ की ही होने का अनुमान है।
सीएआई के अनुसार कपास की खपत में 20 लाख गांठ और निर्यात में 5 लाख गांठ कम होने से क्लोजिंग स्टॉक 32.89 लाख गांठ से बढ़कर 57.89 लाख गांठ बचने का अनुमान है।
सीएआई के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कॉटन का उत्पादन 47.50 लाख गांठ ही होने का अनुमान है, जोकि इसके पहले के अनुमान 50 लाख गांठ से 2.50 लाख गांठ कम है।
हालांकि गुजरात में चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन बढ़कर 93.50 लाख गांठ होने का अनुमान है, जोकि इसके पहले के अनुमान 91 लाख गांठ से 2.50 लाख गांठ ज्यादा है।
अन्य राज्यों महाराष्ट्र में चालू सीजन में 84.50 लाख गांठ, मध्य प्रदेश 20 लाख गांठ, तेलंगाना 45 लाख गांठ, आंध्र प्रदेश में 16 लाख गांठ, तमिलनाडु में 6 लाख गांठ के साथ ही ओडिशा में 3 लाख गांठ तथा अन्य राज्यों में 3.50 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
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