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29 नवंबर 2022

क्रूड पाम तेल एवं आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क में अंतर 15 फीसदी करने की मांग - उद्योग

नई दिल्ली। घरेलू रिफाइनिंग उद्योग के हितों के लिए उद्योग ने केंद्र सरकार से क्रूड पाम तेल, सीपीओ एवं आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क को बढ़ाकर 15 फीसदी करने की मांग की है।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि घरेलू रिफाइनिंग उद्योग के लिए क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलिन के बीच शुल्क अंतर को बढ़ाकर 15 फीसदी तक करने का अनुरोध किया।

एसईए ने खाद्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलिन के बीच शुल्क का अंतर इस समय केवल 7.5 फीसदी है, जिससे क्रूड पाम तेल के बजाए, आरबीडी पामोलीन का आयात ज्यादा मात्रा में हो रहा है। इसका सीधा फायदा मलेशिया और इंडोनेशिया की रिफाइनिंग उद्योग को रहा है। आरबीडी पामोलीन के आयात पर इस समय आयात शुल्क 12.5 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाए, साथ ही क्रूड पाम तेल के आयात शुल्क को ज्यों का त्यों रखा जाएं।

उद्योग ने लिखा है कि क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क में 15 फीसदी का अंतर करने से आरबीडी पामोलीन के बजाए क्रूड पाम तेल के आयात में बढ़ोतरी होगी, जिससे  घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को फायदा होगा।

एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2021-22 के नवंबर-21 से अक्टूबर-22 के दौरान देश में क्रूड पाम तेल का आयात 5,994,346 टन का हुआ है, जबकि इस दौरान आरबीडी पामोलीन का आयात 1,840,540 टन का हुआ है। इसके पिछले तेल वर्ष 2020-21 के नवंबर-20 से अक्टूबर-21 के दौरान क्रूड पाम तेल का आयात 7,491,193 टन का हुआ था, जबकि इस दौरान आरबीडी पामोलीन का आयात केवल 686,340 टन का ही हुआ था।

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