नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ओपन जनरल लाइसेंस, ओजीएल के तहत चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। अत: चालू पेराई सीजन में भी कोटे के तहत ही चीनी का निर्यात होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार ओजीएल के तहत चीनी के निर्यात पर रोक की अवधि को 31 अक्टूबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया है, जबकि इससे पहले केंद्र सरकार ने 24 मई 2022 में इसके निर्यात पर रोक लगाई थी, जिसकी अवधि 31 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो रही थी।
ओजीएल के तहत रॉ शुगर, रिफाइंड और व्हाइट चीनी के निर्यात पर रोक लगाई गई है। हालांकि टीआरक्यू (टैरिफ रेट कोटा) के तहत चीनी का निर्यात जारी रहेगा। सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी।
पहली अक्टूबर 2021 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने 112 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए कोटा जारी किया था, तथा उद्योग चालू पेराई सीजन 2022-23 के लिए 80 लाख टन चीनी का निर्यात का कोटा जारी करने की मांग कर रहा है। जानकारों के अनुसार निर्यातकों ने 2022-23 पेराई सीजन के लिए पहले ही 4 लाख टन रॉ शुगर के निर्यात के लिए सौदा कर लिया है। पिछले साल विश्व बाजार में चीनी के दाम कम थे, लेकिन इस बार ब्राजील में उत्पादन अनुमान ज्यादा है तथा मई में ब्राजील की फसल आ जायेगी। इसलिए चीनी का निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने की आशंका है।
भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन, इस्मा के अनुसार पहली अक्टूबर 2022 से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सीजन अक्टूबर-22 से सितंबर-23 के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 365 लाख टन (45 लाख टन एथेनॉल में उपयोग के बाद) होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में दो फीसदी अधिक होगा। इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन के बावजूद उत्पादन में अनुमानित वृद्धि के साथ इस्मा को इस सत्र में लगभग 80 से 90 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है।
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