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29 नवंबर 2022

ओएमएसएस के तहत केंद्र सरकार की गेहूं देने की योजना नहीं - खाद्य सचिव

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें भले ही रिकॉर्ड स्तर पर चल रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने कहां है कि खुले बाजार बिक्री योजना, ओएमएसएस के तहत गेहूं देने की कोई योजना नहीं है।


केंद्रीय खाद्य सचिव ने बुधवार को कहां कि हम गेहूं की कीमतों पर निगरानी रखे हुए हैं, तथा सरकार की ओएमएसएस के तहत गेहूं देने की अभी कोई योजना नहीं है।

दिल्ली की लारेंस मंडी में आज मध्य प्रदेश के गेहूं के भाव बढ़कर 2860 रुपये और राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के भाव तेज होकर 2880 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि इसकी दैनिक दैनिक आवक करीब 5,500 बोरियों की हुई।

जानकारों के अनुसार हाजिर बाजार में गेहूं का बकाया स्टॉक कम है, जबकि नई फसल की आवक फरवरी, मार्च में शुरू होगी। ऐसे में गेहूं की मौजूदा कीमतों में आगामी दिनों में और भी तेजी आने का अनुमान है।

भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के अनुसार केंद्रीय पूल में पहली नवंबर 2022 को गेहूं का बकाया स्टॉक 210.46 लाख टन का बचा हुआ है, जबकि इसके पिछले साल की समान अवधि में बकाया स्टॉक 419.81 लाख टन था। तय मानकों के अनुसार पहली अक्टूबर को गेहूं का बफर स्टॉक 175.20 लाख टन तथा 30 लाख टन के रिजर्व को मिलाकर गेहूं का कुल स्टॉक 205.2 लाख टन का होना चाहिए।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में 18 नवंबर तक रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई बढ़कर 101.49 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 88.46 लाख हेक्टेयर में तुलना में आगे चल रही है।

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