नई दिल्ली। देशभर के राज्यों में रबी फसलों की बुआई जोरो पर चल रही है, तथा अभी तक कुल बुआई 7.20 फीसदी बढ़कर 268.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 250.76 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में 18 नवंबर तक रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई बढ़कर 101.49 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 88.46 लाख हेक्टेयर में तुलना में आगे चल रही है।
चालू रबी में तिलहनी फसलों की बुआई बढ़कर 66.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 59.22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 63.25 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 55.13 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। हालांकि मूंगफली की बुआई चालू रबी में घटकर 1.54 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसी बुआई 1.87 हेक्टेयर में ही हुई थी। सफ्लावर, सनफ्लावर और असली की बुआई क्रमशः 30 हजार, 31 हजार एवं 1.25 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।
दलहन की बुआई चालू रबी में थोड़ी घटकर 73.25 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 76.08 लाख हेक्टेयर हो चुकी थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई चालू रबी में 52.57 हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 52.83 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। अन्य दालों में मसूर की 8.19 लाख हेक्टेयर में, एवं मटर की 5.11 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन में इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 8.85 और 6.58 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। उड़द की बुआई चालू रबी में 1.87 लाख हेक्टेयर में और मूंग की 24 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है।
मोटे अनाजों की बुआई चालू रबी में घटकर 19.24 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 19.80 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। रबी में मक्का की बुआई 3.92 लाख हेक्टेयर में और ज्वार की 11.85 लाख हेक्टेयर में तथा रागी की 28 हजार हेक्टेयर हो चुकी है। पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 3.12 लाख हेक्टेयर में 14.21 लाख हेक्टेयर में और 25 हजार हेक्टेयर में ही हुई थी। जौ की बुआई चालू रबी में 3.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 2.17 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
धान की रोपाई चालू रबी में 8.03 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 7.21 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।
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