नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर के कारण से सोमवार को कॉटन की कीमतों में गिरावट आई। गुजरात की अहमदाबाद मंडी में सोमवार को शंकर-6 किस्म की कॉटन के दाम 700 रुपये कमजोर होकर 67,300 से 67,600 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।
उत्तर भारत के राज्यों पंजाब में कॉटन के भाव 100 रुपये घटकर 6650 से 6700 रुपये प्रति मन रह गए, जबकि हरियाणा में इसके दाम 100 रुपये नरम होकर 6500 से 6600 रुपये प्रति मन के स्तर पर आ गए। इस दौरान अपर राजस्थान में कॉटन की कीमतें 75 रुपये कमजोर होकर 6725 से 6800 रुपये प्रति मन रह गई।
व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियां में कपास की आवक बढ़ने के बजाए कम हो गई, जिस कारण देशभर की 45 से 50 फीसदी जिनिंग मिलें पूरी उत्पादन क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रही है। रुई में भी स्थानीय एवं निर्यात मांग कमजोर है, जिस स्पिनिंग मिलों को भी पड़ते नहीं लग रहे हैं। अत: स्पिनिंग मिलें भी केवल जरुरत के हिसाब से कॉटन की खरीद कर रही हैं।
जानकारों के अनुसार कॉटन के बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चालू सीजन में उद्योग का अनुमान है कि कपास का उत्पादन बढ़कर 344 लाख गांठ, एक गांठ 170 किलो होने का अनुमान है। हालांकि उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी के बावजूद भी देशभर की मंडियों में कपास की दैनिक आवक उम्मीद के अनुसार बढ़ नहीं पा रही है। पिछले दिनों उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक बढ़कर करीब सवा लाख गांठ, की हो गई थी, लेकिन सोमवार को इसकी आवक घटकर एक लाख बोरियों से भी कम हुई। व्यापारियों के अनुसार पिछले साल किसानों ने कपास का ऊंचा भाव देखा था, जिस कारण नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है।
आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में सोमवार कॉटन के दाम कमजोर हुए। दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में इसके भाव 48 प्वाइंट घटकर 80.86 सेंट रह गए, जबकि मार्च-23 वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 191 प्वाइंट की गिरावट आकर दाम 78.27 सेंट रह गए। घरेलू वायदा बाजार में एमसीएक्स पर नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतों में 260 रुपये की गिरावट आकर भाव 32,400 रुपये प्रति गांठ रह गए। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल-23 महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन के दाम 2.63 फीसदी कमजोर हुए।