आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों के साथ ही खेती से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है कि इस साल देश में मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। इससे खाद्यान्न की पैदावार तो अच्छी होगी ही, साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान है। इस साल जून-सितंबर के दौरान 100 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही इस बार बारिश की शुरुआत भी समय पर होगी।
नई दिल्ली। किसानों के साथ ही खेती से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है कि इस साल देश में मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। इससे खाद्यान्न की पैदावार तो अच्छी होगी ही, साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान है। इस साल जून-सितंबर के दौरान 100 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही इस बार बारिश की शुरुआत भी समय पर होगी।
खरीफ
सीजन की फसलों धान, ज्वार, बाजरा, कपास, मक्का, सोयाबीन आदि की फसलों के
लिए मानसून की बारिश पर निर्भरता ज्यादा होती है इसलिए सामान्य मानसून रहने
से खरीफ में खाद्यान्न की पैदावार में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
स्काईमेट
द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार इस बार मानूसन सामान्य रहने की संभावना
ज्यादा है, इसमें 5 फीसदी की अधिकता या कमी आ सकती है। दीर्घावधि मानसून
पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर की अवधि में दीर्घावधि औसत 887
मिलीमीटर के मुकाबले 100 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।
सूखा पड़ने की आशंका नहीं
स्काईमेट
द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल सामान्य से कम बारिश होने की
संभावना सिर्फ 20 फीसदी है। वहीं, सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना
भी 20 फीसदी और भारी बारिश की संभावना 5 फीसदी है। सबसे अच्छी खबर यह है
कि इस साल सूखा पड़ने की आशंका नहीं है।
96 फीसदी से 104% बारिश
स्काईमेट
के मुताबिक इस साल जून-सितंबर के बीच 100 फीसदी मॉनसून का अनुमान है। पूरे
सीजन के लिए 96 से 104 फीसदी बारिश होने की संभावना 55 फीसदी है।
आईएमडी का अनुमान चालू महीने के मध्य तक
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा मौसम का पूर्वाअनुमान भी चालू महीने के मध्य तक जारी किए जाने की संभावना है।
पिछले साल हुई थी 95 फीसदी बारिश
वर्ष
2017 में स्काईमेट ने देशभर में 95 फीसदी (5 फीसदी कम या ज्यादा) बारिश
होने का अनुमान जारी किया था, जबकि आईएमडी का अनुमान 96 फीसदी (5 फीसदी कम
या ज्यादा) बारिश होने का था जबकि बारिश 95 फीसदी हुई थी। हालांकि इसके
पिछले साल वर्ष 2016 में स्काईमेट और आईएमडी के अनुमानों के उल्ट बारिश कम
हुई थी।.... आर एस राणा
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