आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू गन्ना पेराई सीजन 2017-18 में पहली अक्टूबर 2017 से 15
अप्रैल 2018 तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 299.80 लाख टन का हो चुका है, जबकि
चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि भी बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये हो गई
है। तय समय पर भुगतान नहीं मिलने से गन्ना किसानों को आर्थिक दिक्कतों का
सामना करना पड़ रहा है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के
अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल
तक 104.98 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। राज्य में 187 चीनी मिलों
में गन्ना की पेराई आरंभ हुई थी, जिनमें से 50 चीनी मिलों में अब भी पेराई
चल रही है। उधर उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में चीनी का रिकार्ड
104.8 लाख टन का उत्पादन हो चुका है, तथा राज्य की 100 से ज्यादा चीनी
मिलों में अभी भी पेराई चल रही है। कर्नाटका में चालू पेराई सीजन में 15
अप्रैल तक 36.3 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, हालांकि इस समय राज्य
में केवल एक ही चीनी मिल में पेराई चल रही है।
227 चीनी मिलों में चल रही है अभी भी पेराई
इस्मा
के मुताबिक 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन सालाना खपत से भी 50 लाख टन
ज्यादा का हो चुका है जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों में 227 चीनी मिलों में
पेराई अभी भी चल रही है, अत: चीनी के स्टॉक में आगे और बढ़ोतरी होगी।
उत्पादन लागत की तुलना में 8 रुपये किलो नीचे है एक्स फैक्ट्री भाव
इस्मा
के अनुसार बंपर उत्पादन होने के कारण चीनी की कीमतों में लगातार गिरावट
बनी हुई है तथा पिछले 4 से 5 महीने में ही इसके भाव में करीब 9 रुपये प्रति
किलो की गिरावट आ चुकी है। चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर उत्पादन लागत
की तुलना में करीब 8 रुपये प्रति किलो नीचे आ गए हैं जिस कारण चीनी मिलों
पर किसानों के बकाया की राशि बढ़ रही है। चालू पेराई सीजन में अभी तक बकाया
राशि बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये हो चुकी है तथा माना जा रहा है कि चालू
गन्ना पेराई सीजन के आखिर तक यह 20,000 करोड़ रुपये हो जायेगी।
विश्व बाजार में कीमतें कम
चीनी
कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि विश्व बाजार में चीनी के भाव नीचे
बने हुए हैं, इसलिए हमारे यहां से निर्यात नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने
20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी हुई है, लेकिन निर्यात पड़ते नहीं
लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों के पास चीनी का बंपर स्टॉक जमा
है जबकि ग्राहकी काफी कमजोर है इसीलिए भाव में तेजी नहीं आ पा रही है। ..... आर एस राणा
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