आर एस राणा
नई
दिल्ली। उपभोक्ताओं को भले ही प्याज 15 से 20 रुपये प्रति किलो की दर से
खरीदना पड़ रहा हो लेकिन किसानों को अपनी फसल मंडियों में 3 से 8 रुपये
प्रति किलो की दर से बेचनी पड़ रही है। प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र,
गुजरात और राजस्थान की मंडियों में प्याज के भाव घटकर 300 से 800 रुपये
प्रति क्विंटल रह गए हैं। महीनेभर में ही इसकी कीमतों में भारी गिरावट आ
चुकी है।
महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज का भाव घटकर
गुरुवार को 300 से 800 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि महीनाभर पहले इसका
भाव 700 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से गुजरात की राजकोट
मंडी में प्याज का भाव घटकर 400 से 625 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि
मार्च के शुरू में इसके भाव 650 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल थे। दिल्ली
की आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज का भाव घटकर 500 से 1,200 रुपये
प्रति क्विंटल रह गया।
एमईपी समाप्त करने के बावजूद गिरावट बरकरार
प्याज
की कीमतों में गिरावट रोकने के लिए केंद्र सरकार ने फरवरी के आरंभ में
प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था,
इसके बावजूद भी प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है। गुजरात
ओनियन कंपनी के प्रबंधक योगेश अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात के
बाद राजस्थान की मंडियों में भी नए प्याज की आवक बढ़ी है। राजस्थान में
प्याज की पैदावार चालू रबी में ज्यादा होने का अनुमान है। इसलिए आगे इसकी
कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
निर्यात में आई कमी
राष्ट्रीय
बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के अनुसार चालू वित्त
वर्ष 2017-18 के अप्रैल से जनवरी के दौरान प्याज का निर्यात घटकर 20.34
लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका
निर्यात 27.20 लाख टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2016-17 में प्याज का कुल
निर्यात 34.92 लाख टन का हुआ था
उत्पादन में कमी आने की आशंका
कृषि
मंत्रालय के अनुसार चालू फसल सीजन 2017-18 में प्याज का उत्पादन 4.5 फीसदी
घटकर 214 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 224
लाख टन का हुआ था। ..............आर एस राणा
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