आर एस राणा
नई
दिल्ली। उत्पादक राज्यों की मंडियोंं में गेहूं की दैनिक आवक बढ़ रही है
तथा सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद भी कई राज्यों की मंडियों में किसान
व्यापारियों को 1,550 से 1,660 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने
को मजबूर है। केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2018-19 के लिए गेहूं का
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,735 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ
है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की कई मंडियों में
गेहूं एमएसपी से 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे बिक रहा है। मध्य
प्रदेश में राज्य सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2018-19 में 2,000 रुपये
प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने की घोषणा की हुई है तथा राज्य में
एमएसपी पर खरीद भी शुरू हो गई है लेकिन खरीद आवक के मुकाबले सीमित मात्रा
में ही हो रही है जिस कारण किसानों को केंद्र सरकार द्वारा तय एमएसपी 1,735
रुपये प्रति क्विंटल भी नहीं मिल पा रहा है।
गेहूं के सबसे बड़े
उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश का भी यही हाल है। राज्य की मंडियों में किसान
1,550 से 1,650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेच रहे है। राज्य की
सहारनपुर, गौंडा, बरेली तथा कानपुर लाईन की मंडियों के साथ ही ललितपुर मंडी
में गेहूं 1550 से 1,675 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। जेवर
मंडी में गेहूं बेचने आए किसान प्रमोद कुमार ने बताया कि मंडी में अभी तक
सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई, इसलिए व्यापारियों को नीचे भाव में गेहूं
बेचना पड़ा। राजस्थान में गेहूं की दैनिक आवक के मुकाबले समर्थन मूल्य पर
खरीद नाममात्र की हो रही है जिस कारण अधिकांश किसान नीचे भाव पर गेहूं बेच
रहे हैं।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने एमएसपी पर 6 अप्रैल तक
केवल 13.15 लाख टन गेहूं ही खरीदा है। इसमें मध्य प्रदेश से 10.21 लाख टन,
हरियाणा से 2.24 लाख टन, राजस्थान से 40 हजार टन तथा उत्तर प्रदेश से केवल
21 हजार टन की ही खरीद हुई है। इस साल केंद्र सरकार ने 320 लाख टन गेहूं की
खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले साल 308 लाख टन की खरीद हुई थी।
उत्तर
प्रदेश की गौंडा लाईन और राजस्थान की बीकानेर मंडी से बंगुलरु पहुंच
गेहूं के सौदे 1,950 से 1,975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं
जबकि इसमें परिवहन लागत करीब 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल भी शामिल है।
प्रवीन
कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि विश्व बाजार में
गेहूं के भाव सस्ते हैं, हालांकि अभी तो आयात नहीं हो रहा है लेकिन
जून-जुलाई में यूक्रेन और रूस में गेहूं की नई फसल की आवक बनने पर आयात
पड़ते लग सकते हैं। इसीलिए दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर भारत से गेहूं
की खरीद सीमित मात्रा में ही कर रही है। तूतीकोरन बंदरगाह पर आयातित लाल
गेहूं का भाव शनिवार को 1,770 से 1,775 रुपये प्रति क्विंटल रहा।.......... आर एस राणा
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