आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन देश में जीरा की पैदावार कम होने की आशंका है? साथ ही टर्की और सीरिया में राजनीति गतिरोध के कारण भारत से जीरा का निर्यात भी बढ़ने की संभावना है। हालांकि अप्रैल के प्रथम पखवाड़े में उत्पादक मंडियों में जीरा की दैनिक आवक बढ़ने से भाव में गिरावट आए तो खरीद ही करनी चाहिए, भविष्य में इसकी कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में जीरा का उत्पादन 2,21,000 टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 2,38,000 टन का था, जोकि 11 फीसदी कम है। सूत्रों के पिछले दिनों राजस्थान में हुई बारिश से जीरा की फसल को 25 से 30 फीसदी नुकसान हुआ है जिससे जीरा की कुल पैदावार में कमी आने की आशंका है, इसीलिए भाव में तेजी आई है। हालांकि उद्योग ने जीरा के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की है। उद्योग के अनुसार जीरा का उत्पादन 58.3 लाख बोरी (एक बोरी-40 किलो) 2,33,280 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 42 लाख बोरी, 1,68,320 टन होने का अनुमान है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीरा का निर्यात 35 फीसदी बढ़कर 91,000 टन का हो चुका है जबकि पिछले पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में इसका निर्यात 67,300 टन का ही हुआ था। मसाला बोर्ड ने जीरा के निर्यात का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में 1,10,000 टन का रखा था जबकि जानकारों का मानना है कि निर्यात लक्ष्य से ज्यादा ही होगा। विश्व बाजार में इस समय भारतीय जरा का भाव 3.57 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो था।...................आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन देश में जीरा की पैदावार कम होने की आशंका है? साथ ही टर्की और सीरिया में राजनीति गतिरोध के कारण भारत से जीरा का निर्यात भी बढ़ने की संभावना है। हालांकि अप्रैल के प्रथम पखवाड़े में उत्पादक मंडियों में जीरा की दैनिक आवक बढ़ने से भाव में गिरावट आए तो खरीद ही करनी चाहिए, भविष्य में इसकी कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में जीरा का उत्पादन 2,21,000 टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 2,38,000 टन का था, जोकि 11 फीसदी कम है। सूत्रों के पिछले दिनों राजस्थान में हुई बारिश से जीरा की फसल को 25 से 30 फीसदी नुकसान हुआ है जिससे जीरा की कुल पैदावार में कमी आने की आशंका है, इसीलिए भाव में तेजी आई है। हालांकि उद्योग ने जीरा के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की है। उद्योग के अनुसार जीरा का उत्पादन 58.3 लाख बोरी (एक बोरी-40 किलो) 2,33,280 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 42 लाख बोरी, 1,68,320 टन होने का अनुमान है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीरा का निर्यात 35 फीसदी बढ़कर 91,000 टन का हो चुका है जबकि पिछले पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में इसका निर्यात 67,300 टन का ही हुआ था। मसाला बोर्ड ने जीरा के निर्यात का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में 1,10,000 टन का रखा था जबकि जानकारों का मानना है कि निर्यात लक्ष्य से ज्यादा ही होगा। विश्व बाजार में इस समय भारतीय जरा का भाव 3.57 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो था।...................आर एस राणा
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