आर एस राणा
नई दिल्ली। कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बनने से पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर केवल 203 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि जनवरी के उत्पादन अनुमान के मुकाबले 10 लाख टन कम है। जनवरी में उद्योग ने 213 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशसन (इस्मा) के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में सूखे के कारण गन्न की प्रति हैक्टेयर उत्पादन में भारी कमी आई है। कई राज्यों में उत्पादकता में 40 से 50 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी में इस समय केवल 17 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, बाकि सब मिलें बंद हो चुकी है। चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में केवल 42 लाख टन चीनी के उत्पादन का ही अनुमान है, जबकि कर्नाटका में भी 21.25 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस बार गन्ने की फसल ज्यादा है, साथ ही प्रति हैक्टेयर उत्पादकता भी ठीक है, इसलिए चीनी का उत्पादन बढ़कर 85 लाख टन होने का अनुमान है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 203 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि अक्टूबर में पेराई आरंभ हुई तो 77.50 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। माना जा रहा है कि चालू पेराई सीजन में चीनी की खपत घटकर 238 से 240 लाख टन ही होने का अनुमान है, ऐसे में आगामी पेराई सीजन के आरंभ में 40 से 42 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार चीनी के उत्पादान में आई कमी को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही चीनी के आयात शुल्क को शुन्य कर सकती है, लेकिन आयात शुल्क शुन्य करने के बाद विदेशी बाजार में चीनी के भाव में तेजी आयेगी, जिसका असर घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों पर पड़ेगा। ऐसे में घरेलू बाजार में आगामी दिनों में चीनी की कीमतों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बनने से पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर केवल 203 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि जनवरी के उत्पादन अनुमान के मुकाबले 10 लाख टन कम है। जनवरी में उद्योग ने 213 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशसन (इस्मा) के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में सूखे के कारण गन्न की प्रति हैक्टेयर उत्पादन में भारी कमी आई है। कई राज्यों में उत्पादकता में 40 से 50 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी में इस समय केवल 17 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, बाकि सब मिलें बंद हो चुकी है। चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में केवल 42 लाख टन चीनी के उत्पादन का ही अनुमान है, जबकि कर्नाटका में भी 21.25 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस बार गन्ने की फसल ज्यादा है, साथ ही प्रति हैक्टेयर उत्पादकता भी ठीक है, इसलिए चीनी का उत्पादन बढ़कर 85 लाख टन होने का अनुमान है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 203 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि अक्टूबर में पेराई आरंभ हुई तो 77.50 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। माना जा रहा है कि चालू पेराई सीजन में चीनी की खपत घटकर 238 से 240 लाख टन ही होने का अनुमान है, ऐसे में आगामी पेराई सीजन के आरंभ में 40 से 42 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार चीनी के उत्पादान में आई कमी को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही चीनी के आयात शुल्क को शुन्य कर सकती है, लेकिन आयात शुल्क शुन्य करने के बाद विदेशी बाजार में चीनी के भाव में तेजी आयेगी, जिसका असर घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों पर पड़ेगा। ऐसे में घरेलू बाजार में आगामी दिनों में चीनी की कीमतों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है।.............आर एस राणा
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