आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी 2017 तक चीनी उत्पादन में 36.98 लाख टन की कमी आई है, इस दौरान केवल 162.45 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 199.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 17 फीसदी बढ़कर 62.46 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 53.51 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में इस समय 107 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल 28 फरवरी 2016 तक राज्य में 102 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही थी।
महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी 2017 तक केवल 41.15 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 70.58 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 153 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी लेकिन गन्ने की कमी के कारण 28 फरवरी 2017 तक 136 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है अब राज्य में केवल 17 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटका में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक 20.50 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 36.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। इस समय कर्नाटका में केवल एक चीनी मिल में पेराई चल रही है। तमिलनाडु में 28 फरवरी तक चीनी का 6.90 लाख टन का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 28 फरवरी तक 4.30 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 6.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गुजरात में पिछले साल के 9.19 लाख टन के मुकाबले चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक केवल 8 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है। बिहार में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 4.30 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 4.49 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
उत्तराखंड में अभी तक 2.45 लाख टन, पंजाब में 4.50 लाख टन, हरियाणा में 3.75 लाख टन और छत्तीसगढ़ में 28 फरवरी तक 3.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। दक्षिण भारत के राज्यों में सूखे की स्थिति होने के कारण गन्ने की पैदावार महाराष्ट्र, कर्नाटका, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के साथ ही गुजरात में कम हुई, जिससे चीनी का उत्पादन इन राज्यों में कम हुआ है।.................आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी 2017 तक चीनी उत्पादन में 36.98 लाख टन की कमी आई है, इस दौरान केवल 162.45 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 199.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 17 फीसदी बढ़कर 62.46 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 53.51 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में इस समय 107 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल 28 फरवरी 2016 तक राज्य में 102 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही थी।
महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी 2017 तक केवल 41.15 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 70.58 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 153 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी लेकिन गन्ने की कमी के कारण 28 फरवरी 2017 तक 136 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है अब राज्य में केवल 17 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटका में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक 20.50 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 36.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। इस समय कर्नाटका में केवल एक चीनी मिल में पेराई चल रही है। तमिलनाडु में 28 फरवरी तक चीनी का 6.90 लाख टन का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 28 फरवरी तक 4.30 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 6.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गुजरात में पिछले साल के 9.19 लाख टन के मुकाबले चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक केवल 8 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है। बिहार में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 4.30 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 4.49 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
उत्तराखंड में अभी तक 2.45 लाख टन, पंजाब में 4.50 लाख टन, हरियाणा में 3.75 लाख टन और छत्तीसगढ़ में 28 फरवरी तक 3.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। दक्षिण भारत के राज्यों में सूखे की स्थिति होने के कारण गन्ने की पैदावार महाराष्ट्र, कर्नाटका, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के साथ ही गुजरात में कम हुई, जिससे चीनी का उत्पादन इन राज्यों में कम हुआ है।.................आर एस राणा
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