आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं पर आयात शुल्क लगाने का फैसला उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बनने पर ले सकती है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने कहां कि खाद्य मंत्रालय गेहूं पर आयात शुल्क लगाने के पक्ष में तो है लेकिन हाल में मौसम खराब हो गया था, तथा अकसर फसल की कटाई के समय मौसम में गड़बड़ी हो जाती है इसलिए सकरार आयात शुल्क पर फैसला मंडियो में नई फसल की आवक चालू होने के बाद ले सकती है। सूत्रों के अनुसार खाद्य मंत्रालय गेहूं पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने के हक में है।
मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की मंडियों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बुधवार यानि 15 मार्च 2017 से चालू हो जायेगी जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों से पहली अप्रैल को खरीद चालू होगी। पिछले दिनों मौसम में एकाएक गर्मी बनने से गेहूं की आवक गुजरात और मध्य प्रदेश में बढ़ गई थी, तथा राजस्थान में भी नई फसल की आवक चालू हो गई थी लेकिन पिछले सप्ताह उत्तर भारत के राज्यों में हुई बारिश व पहाड़ी राज्यों में हुई बर्फबारी से मौसम में फिर ठंड बनने से गेहूं की नई फसल की कटाई उत्तर भारत के राज्यों में 8-10 दिन की देरी से बनेगी। हालांकि इस बारिश और ठंडे मौसम से गेहूं की फसल को फायदा ही हुआ है।
केंद्र सरकार ने गेहूं के 10 फीसदी आयात शुल्क को दिसंबर में पूरी तरह से समाप्त कर दिया था, तथा तब से अभी तक आयातक करीब 42 से 43 लाख टन गेहूं का आयात कर चुके हैं, हालांकि यूक्रेन से लाल गेहूं का आयात अब बंद हो चुका है तथा इस समय केवल आस्ट्रेलिया से गेहूं का आयात हो रहा है। आयातकों को भी उम्मीद थी कि केंद्र सरकार मार्च मध्य तक आयात पर शुल्क लगा देगी, इसलिए आयातकों ने ज्यादातर आयात के सौदे 10 से 12 मार्च तक के ही किए हुए थे। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं की क्वालिटी तो अच्छी है ही, साथ ही उत्तर भारत के राज्यों से गेहूं की खरीद के मुकाबले दक्षिण भारत की मिलों को आस्ट्रेलियाई गेहूं सस्ता भी पड़ रहा है तथा माना जा रहा कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास करीब 20 से 25 लाख टन आयातित गेहूं का स्टॉक जमा है इसलिए इन राज्यों की मिलों की मांग उत्तर भारत से अप्रैल में कम रहेगी, जबकि अप्रैल में इन राज्यों की मंडियों में नई फसल की आवक का दबाव बनेगा, जिससे उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं एमएसपी से 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बिकने की आशंका है। आगामी रबी विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2017-18 के लिए 330 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर 229 लाख टन गेहूं की खरीद ही हुई थी। खाद्य मंत्रालय के अनुसार गेहूं का उत्पादन चालू रबी में 966.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 922.9 लाख टन का उत्पादन हुआ था।......आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं पर आयात शुल्क लगाने का फैसला उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बनने पर ले सकती है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने कहां कि खाद्य मंत्रालय गेहूं पर आयात शुल्क लगाने के पक्ष में तो है लेकिन हाल में मौसम खराब हो गया था, तथा अकसर फसल की कटाई के समय मौसम में गड़बड़ी हो जाती है इसलिए सकरार आयात शुल्क पर फैसला मंडियो में नई फसल की आवक चालू होने के बाद ले सकती है। सूत्रों के अनुसार खाद्य मंत्रालय गेहूं पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने के हक में है।
मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की मंडियों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बुधवार यानि 15 मार्च 2017 से चालू हो जायेगी जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों से पहली अप्रैल को खरीद चालू होगी। पिछले दिनों मौसम में एकाएक गर्मी बनने से गेहूं की आवक गुजरात और मध्य प्रदेश में बढ़ गई थी, तथा राजस्थान में भी नई फसल की आवक चालू हो गई थी लेकिन पिछले सप्ताह उत्तर भारत के राज्यों में हुई बारिश व पहाड़ी राज्यों में हुई बर्फबारी से मौसम में फिर ठंड बनने से गेहूं की नई फसल की कटाई उत्तर भारत के राज्यों में 8-10 दिन की देरी से बनेगी। हालांकि इस बारिश और ठंडे मौसम से गेहूं की फसल को फायदा ही हुआ है।
केंद्र सरकार ने गेहूं के 10 फीसदी आयात शुल्क को दिसंबर में पूरी तरह से समाप्त कर दिया था, तथा तब से अभी तक आयातक करीब 42 से 43 लाख टन गेहूं का आयात कर चुके हैं, हालांकि यूक्रेन से लाल गेहूं का आयात अब बंद हो चुका है तथा इस समय केवल आस्ट्रेलिया से गेहूं का आयात हो रहा है। आयातकों को भी उम्मीद थी कि केंद्र सरकार मार्च मध्य तक आयात पर शुल्क लगा देगी, इसलिए आयातकों ने ज्यादातर आयात के सौदे 10 से 12 मार्च तक के ही किए हुए थे। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं की क्वालिटी तो अच्छी है ही, साथ ही उत्तर भारत के राज्यों से गेहूं की खरीद के मुकाबले दक्षिण भारत की मिलों को आस्ट्रेलियाई गेहूं सस्ता भी पड़ रहा है तथा माना जा रहा कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास करीब 20 से 25 लाख टन आयातित गेहूं का स्टॉक जमा है इसलिए इन राज्यों की मिलों की मांग उत्तर भारत से अप्रैल में कम रहेगी, जबकि अप्रैल में इन राज्यों की मंडियों में नई फसल की आवक का दबाव बनेगा, जिससे उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं एमएसपी से 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बिकने की आशंका है। आगामी रबी विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2017-18 के लिए 330 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर 229 लाख टन गेहूं की खरीद ही हुई थी। खाद्य मंत्रालय के अनुसार गेहूं का उत्पादन चालू रबी में 966.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 922.9 लाख टन का उत्पादन हुआ था।......आर एस राणा
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