आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया एक साल के उपरी स्तर पर पहुंच गया है जिसका असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर पड़ा है। इससे जहां कपास के आयात को फायदा होगा, वहीं निर्यात पड़ते नहीं लगने घरेलू मंडियों में कपास की कीमतों में नरमी आने की संभावना है। मंगलवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,600 से 43,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा।
चालू सीजन में पहली अक्टूबर से अभी तक उत्पादक मंडियों में करीब 240 से 245 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की आवक को चुकी है तथा आगामी दिनों में दैनिक आवक में कमी आयेगी। हालांकि घरेलू बाजार में भाव उंचे होने के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया तेज होने से निर्यात पड़तों में कमी आयेगी, लेकिन घरेलू यार्न मिलों की मांग अच्छी है इसलिए कपास की कीमतों में घरेलू बाजार में हल्की गिरावट तो आ सकती है लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।
डॉलर के मुकाबले रुपया तेज होने से कपास के आयात में बढ़ोतरी हो रही है तथा चालू फसल सीजन में कुल आयात बढ़कर 24 से 25 लाख गांठ को हो सकता है जबकि पिछले साल केवल 16 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था। कपास के भाव चालू सीजन में घरेलू मंडियों में पहले से तेज रहे हैं इसीलिए कपास का निर्यात भी चालू सीजन में अभी तक केवल 30 लाख गांठ का ही हुआ है, तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में आगे और तेजी आई तो निर्यात इस बार 40 से 45 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में 69 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था।
मौसम विभाग ने इस बार अलनीनो के कारण बारिश कम होने का अनुमान जारी किया है, तथा आस्ट्रेलियाई वेदर एजेंसी ने भी इसकी पूष्टि की है लेकिन जानकारों का मानना है कि मध्य सीजन में बारिश कम होगी जबकि कपास की बुवाई पहले ही हो जाती है तथा कपास की फसल को बहुत ज्यादा पानी की भी जररुत नहीं होती है। ऐसे में आगामी दिनों में कपास की तेजी-मंदी काफी हद तक अप्रैल में भारतीय मौसम के आरंभिक अनुमान पर भी निर्भर करेगी।................आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया एक साल के उपरी स्तर पर पहुंच गया है जिसका असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर पड़ा है। इससे जहां कपास के आयात को फायदा होगा, वहीं निर्यात पड़ते नहीं लगने घरेलू मंडियों में कपास की कीमतों में नरमी आने की संभावना है। मंगलवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,600 से 43,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा।
चालू सीजन में पहली अक्टूबर से अभी तक उत्पादक मंडियों में करीब 240 से 245 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की आवक को चुकी है तथा आगामी दिनों में दैनिक आवक में कमी आयेगी। हालांकि घरेलू बाजार में भाव उंचे होने के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया तेज होने से निर्यात पड़तों में कमी आयेगी, लेकिन घरेलू यार्न मिलों की मांग अच्छी है इसलिए कपास की कीमतों में घरेलू बाजार में हल्की गिरावट तो आ सकती है लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।
डॉलर के मुकाबले रुपया तेज होने से कपास के आयात में बढ़ोतरी हो रही है तथा चालू फसल सीजन में कुल आयात बढ़कर 24 से 25 लाख गांठ को हो सकता है जबकि पिछले साल केवल 16 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था। कपास के भाव चालू सीजन में घरेलू मंडियों में पहले से तेज रहे हैं इसीलिए कपास का निर्यात भी चालू सीजन में अभी तक केवल 30 लाख गांठ का ही हुआ है, तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में आगे और तेजी आई तो निर्यात इस बार 40 से 45 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में 69 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था।
मौसम विभाग ने इस बार अलनीनो के कारण बारिश कम होने का अनुमान जारी किया है, तथा आस्ट्रेलियाई वेदर एजेंसी ने भी इसकी पूष्टि की है लेकिन जानकारों का मानना है कि मध्य सीजन में बारिश कम होगी जबकि कपास की बुवाई पहले ही हो जाती है तथा कपास की फसल को बहुत ज्यादा पानी की भी जररुत नहीं होती है। ऐसे में आगामी दिनों में कपास की तेजी-मंदी काफी हद तक अप्रैल में भारतीय मौसम के आरंभिक अनुमान पर भी निर्भर करेगी।................आर एस राणा
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