आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ के बाद रबी सीजन में भी तिलहनों की पैदावार में हुई बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में तिलहनी फसलों सरसों, मूंगफली और सोयाबीन के भाव उत्पादक मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसी) से नीचे बने हुए हैं, इसको देखते हुए उद्योग ने केंद्र सरकार से खाद्य तेलों के थोक निर्यात को अनुमति देने की मांग की है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चर्तुेवेदी के अनुसार उद्योग का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में पिछले सप्ताह खाद्य सचिव प्रीति सुदान से मिला था, जिसमें खाद्य तेलों के थोक व्यापार को अनुमति देने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि खाद्य सचिव ने उन्होंने भरोसा दिलाया था, कि मंत्रालय इस पर विचार कर जल्द ही एक कैबिनेट नोट तैयार करेगा।
इस समय खाद्य तेलों में केवल कंजूमर पैक 5 किलो में ही निर्यात की अनुमति है तथा इसमें भी सालाना केवल 10,000 टन तेलो का ही निर्यात किया जा सकता है। अगर केंद्र सरकार खाद्य तेलों के थोक निर्यात को अनुमति देगी तो घरेलू बाजार में तिलहनों के भाव में सुधार आयेगा, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा। उन्होंने बताया कि खरीफ में जहां सोयाबीन और मूंगफली की पैदावार में बढ़ोतरी हुई थी, वहीं रबी में भी सरसों के साथ ही मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है।
चालू रबी की प्रमुख फसल सरसों का एमएसपी केंद्र सरकार ने 3,700 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि मूंगफली का एमएसपी 4,220 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है। उत्पादक मंडियों में इनके भाव एमएसपी से नीचे बने हुए हैं।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ के बाद रबी सीजन में भी तिलहनों की पैदावार में हुई बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में तिलहनी फसलों सरसों, मूंगफली और सोयाबीन के भाव उत्पादक मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसी) से नीचे बने हुए हैं, इसको देखते हुए उद्योग ने केंद्र सरकार से खाद्य तेलों के थोक निर्यात को अनुमति देने की मांग की है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चर्तुेवेदी के अनुसार उद्योग का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में पिछले सप्ताह खाद्य सचिव प्रीति सुदान से मिला था, जिसमें खाद्य तेलों के थोक व्यापार को अनुमति देने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि खाद्य सचिव ने उन्होंने भरोसा दिलाया था, कि मंत्रालय इस पर विचार कर जल्द ही एक कैबिनेट नोट तैयार करेगा।
इस समय खाद्य तेलों में केवल कंजूमर पैक 5 किलो में ही निर्यात की अनुमति है तथा इसमें भी सालाना केवल 10,000 टन तेलो का ही निर्यात किया जा सकता है। अगर केंद्र सरकार खाद्य तेलों के थोक निर्यात को अनुमति देगी तो घरेलू बाजार में तिलहनों के भाव में सुधार आयेगा, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा। उन्होंने बताया कि खरीफ में जहां सोयाबीन और मूंगफली की पैदावार में बढ़ोतरी हुई थी, वहीं रबी में भी सरसों के साथ ही मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है।
चालू रबी की प्रमुख फसल सरसों का एमएसपी केंद्र सरकार ने 3,700 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि मूंगफली का एमएसपी 4,220 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है। उत्पादक मंडियों में इनके भाव एमएसपी से नीचे बने हुए हैं।.............आर एस राणा
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