आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं के आयात को रोकने के लिए पहली अप्रैल से इसके आयात पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगा सकती है। चालू रबी में गेहूं का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है इसीलिए कृषि मंत्रालय आयात को हत्तोसाहित करने के लिए 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव पहले ही संबंधित मंत्रालयों को भेज चुका है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की आवक चालू हो गई है तथा मंडियों में गेहूं का भाव 1,550 से 1,650 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। आगामी दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में नए गेहूं की आवक बनेगी, ऐसे में कीमतों में ज्यादा मंदा नहीं आये, इसलिए आयात शुल्क लगाने की सिफारिश कृषि मंत्रालय ने की है।
हालांकि यह सही है कि केंद्र सरकार आयात शुल्क लगाती है तो भी उत्तर प्रदेश और बिहार की मंडियों में गेहूं की आवकों का दबाव बनने पर भाव एमएसपी से नीचे ही रहने की आशंका है, क्योंकि इन राज्यों से गेहूं की एमएसपी पर खरीद सीमित मात्रा में होगी, जबकि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास आयातित गेहूं का स्टॉक होने के कारण इन राज्यों की मांग उत्तर भारत से अप्रैल में कम रहेगी।..........आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं के आयात को रोकने के लिए पहली अप्रैल से इसके आयात पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगा सकती है। चालू रबी में गेहूं का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है इसीलिए कृषि मंत्रालय आयात को हत्तोसाहित करने के लिए 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव पहले ही संबंधित मंत्रालयों को भेज चुका है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की आवक चालू हो गई है तथा मंडियों में गेहूं का भाव 1,550 से 1,650 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। आगामी दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में नए गेहूं की आवक बनेगी, ऐसे में कीमतों में ज्यादा मंदा नहीं आये, इसलिए आयात शुल्क लगाने की सिफारिश कृषि मंत्रालय ने की है।
हालांकि यह सही है कि केंद्र सरकार आयात शुल्क लगाती है तो भी उत्तर प्रदेश और बिहार की मंडियों में गेहूं की आवकों का दबाव बनने पर भाव एमएसपी से नीचे ही रहने की आशंका है, क्योंकि इन राज्यों से गेहूं की एमएसपी पर खरीद सीमित मात्रा में होगी, जबकि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास आयातित गेहूं का स्टॉक होने के कारण इन राज्यों की मांग उत्तर भारत से अप्रैल में कम रहेगी।..........आर एस राणा
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