22 नवंबर 2012
आयात से लगेगी चने की तेजी पर लगाम
मौसम बिगडऩे का असर चने की बुआई पर पड़ रहा है। इस कारण कारोबारियों को अगले दो महीने में आयात में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना दिख रही है। आयात के चलते उपलब्धता बढ़ेगी। इससे फरवरी तक चने की कीमतें वर्तमान स्तर से करीब 10-15 फीसदी गिर सकती है।
इंडिया पल्सेज ऐंड ग्रेन्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा, 'चने की कीमतें पहले ही अगस्त से अक्टूबर के दौरान 4,800 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई छू चुकी हैं। हमें इस वित्त वर्ष में करीब 5,00,000 टन चने के आयात की संभावना दिखाई दे रही है। इससे उपलब्धता सुधरेगी और कीमतों में नरमी आएगी।Ó अग्रवाल के मुताबिक मौसम बिगडऩे से इस साल चने की बुआई घटी है। साथ ही, सभी दलहन की भी बुआई में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल रबी सीजन में दलहन की बुआई 63 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है, जो पिछले साल 76.1 लाख हेक्टेयर थी। विश्लेषकों का मानना है कि चने की कीमतें 4,000 रु. प्रति क्ंिवटल से ज्यादा हैं, इसलिए आने वाले समय में चने की कीमतों में गिरावट का रुझान रहेगा।
पैराडाइम कमोडिटी एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ बीरेन वकील ने कहा, 'घरेलू बाजार में कम आपूर्ति सेचने का आयात बढ़ा है। अगले साल फरवरी-मार्च तक चने में नरमी की संभावना है।' हालांकि आयात में बढ़ोतरी के कारण कीमतों में कमजोरी नजर आ रही है, लेकिन कारोबारियों का मानना है कि यह रुझान थोड़े समय ही रहेगा। उन्होंने कहा, 'फिलहाल कीमतों पर पहले से ही दबाव है और वर्तमान स्तरों पर कोई हाजिर मांग नजर नहीं आ रही है। इससे संकेत मिलता है कि आगे कीमतें और गिरेंगी।'
अग्रवाल ने कहा, 'सरकार ने चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, इसलिए आयात बढऩे की स्थिति में भी हमें नहीं लगता कि कीमतें 3,500 रुपये से नीचे जाएंगी।' सरकार ने सभी रबी फसलों विशेष रूप से दलहन के एमएसपी में बढ़ोतरी की है। सरकार ने पाया है कि दलहन से कम आमदनी होने के कारण इनके प्रति किसानों की रुचि घट रही है। चने का एमएसपी विपणन वर्ष 2013-14 के लिए बढ़ाकर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जो 2012-13 में 2,800 रुपये था। इसमें 14 फीसदी बढ़ोतरी की गई है।
विश्लेषक कंपनी कैपिटालाइन ने कहा, 'इसका मतलब है कि इस रुझान के बाद चने का रकबा घटेगा और उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। एनसीडीईएक्स पर चना वायदा अक्टूबर के पहले तीन सप्ताह में लगातार चढ़ा था, क्योंकि खरीफ सीजन की दालों की शुरुआती बंपर आवक की संभावना खत्म हो गई थी। इसका वायदा पिछले तीन सप्ताह के दौरान 4,369 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई से गिरकर 4,000 के स्तर पर आ गया है और इस समय 4,100-4,200 के आसपास चल रहा है।' वायदा कीमतों में गिरावट त्योहारी मौसम की समाप्ति नजदीक आने से मांग में गिरावट के बीच हाजिर बाजार में अधिक आपूर्ति के कारण वायदा बाजार में बुधवार को चने की कीमतें 27 रुपये की गिरावट के साथ 4,294 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं।
एनसीडीईएक्स में चने के दिसंबर डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमत 27 रुपये अथवा 0.62 फीसदी गिरावट के साथ 4,294 रुपये प्रति क्विंटल रह गई जिसमें 68,970 लॉट के लिए कारोबार हुआ। इसी प्रकार चने के जनवरी डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमत 17 रुपये अथवा 0.42 फीसदी की गिरावट के साथ 4,051 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। (BS Hindi)
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