27 नवंबर 2012
मिल्क पाउडर का बगैर शुल्क आयात नहीं
दुनिया में दूध के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में अब स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) का शुल्क मुक्त आयात नहीं होगा। देश में एसएमपी के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए अब इसके आयात पर 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने का फैसला किया गया है। यही नहीं, इस दर पर साल में सिर्फ 10,000 टन एसएमपी का ही आयात हो सकता है। इससे ज्यादा का आयात अगर हुआ तो उस पर 60 फीसदी की दर से शुल्क वसूला जाएगा। अब तक साल भर में 50,000 टन तक एसएमपी का आयात शुल्क मुक्त था।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह फैसला कृषि मंत्रालय से बातचीत के बाद लिया गया है। सितंबर के आंकड़ों को देखें तो उस समय देश भर में हर रोज 300 लाख किलो दूध का संग्रहण हो रहा था, जबकि खपत 260 लाख किलो की ही थी। इससे जाहिर है कि शेष दूध का उपयोग एसएमपी बनाने में होता है। इसके बावजूद शुल्क मुक्त आयात देसी एसएमपी उत्पादकों के लिए खतरा बन रहा था क्योंकि इस समय अंतरराष्ट्रीय एसएमपी बाजार में भी मंदी है।
आयातित एसएमपी इस वजह से देसी के मुकाबले सस्ता पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अब एसएमपी के आयात पर 10,000 टन तक 15 फीसदी आयात शुल्क देय होगा, जबकि इससे ऊपर 60 फीसदी शुल्क। इसी के साथ एसएमपी का निर्यात भी खोल दिया गया है। घरेलू बाजार में दुग्ध उत्पादों की कीमतों में आई अप्रत्याशित तेजी को देखते हुए सभी तरह के दुग्ध उत्पादों के निर्यात पर फरवरी 2011 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
स्टर्लिंग एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कुलदीप सलूजा ने बताया कि घरेलू बाजार में एसएमपी का स्टॉक ज्यादा है, जबकि दूध का फ्लड सीजन चल रहा है। ऐसे में आयात होने की संभावना भी नहीं है। घरेलू बाजार में फिलहाल एसएमपी के दाम 150-160 रुपये प्रति किलो चल रहे है। निर्यात की अनुमति के बाद से लेकर अब तक खाड़ी देशों को करीब 25,000 टन एसएमपी के निर्यात सौदे हुए हैं, जबकि घरेलू बाजार में कुल उपलब्धता अब भी एक लाख टन से ज्यादा की है। इसमें से 80,000 टन का स्टॉक तो एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) के पास ही है।
पराग मिल्क फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के जीएम (सेल्स) वी पी एस मलिक ने बताया कि भारतीय निर्यातक 2,600-2,700 डॉलर प्रति टन की दर से एसएमपी के निर्यात सौदे कर रहे हैं, जबकि न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया के निर्यातक 3,300-3,400 डॉलर प्रति टन की दर से बेच रहे हैं। बंपर स्टॉक के कारण ही अप्रैल-मई से अभी तक घरेलू बाजार में एसएमपी की कीमतों में 20 से 25 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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