21 नवंबर 2012
एमपी व यूपी में महंगा मिलेगा पंजाब का सरकारी गेहूं
बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलों को पंजाब का गेहूं ऊंचे दाम पर खरीदना पड़ेगा जबकि उसी राज्य में ख्ररीदा गया गेहूं कम मूल्य पर मिलेगा। इस तरह केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने इन दोनों राज्यों के लिए दोहरे न्यूनतम मूल्य तय किए हैं।
खाद्य मंत्रालय ने गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव क्रमश: 1,484 और 1,446 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने के दोहरे दाम तय किए हैं। मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों के लिए वहीं से खरीदे गए गेहूं का न्यूनतम भाव 1,414 रुपये और पंजाब के गेहूं का भाव 1609 रुपये प्रति क्विटंल तय किया गया है। मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों को निविदा के जरिये सरकारी गेहूं खरीदने के लिए इससे ज्यादा भाव ऑफर करना होगा। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में स्थानीय गेहूं का भाव 1403 रुपये और पंजाब के गेहूं का भाव 1,572 रुपये प्रति क्विटंल तय किया गया है। उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलों से इस भाव से ऊंची बोली लगानी होगी।
अधिकारी ने बताया कि ओएमएसएस के तहत 65 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में इसकी बिक्री का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,285 रुपये प्रति क्विंटल के साथ पंजाब में खरीद के सभी खर्चों (टैक्स, वैट व अन्य खर्च) और परिवहन लागत (लुधियाना से राज्य की राजधानी) पर जोड़कर तय किया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराचंल, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए एक-एक लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया है।
11.5 लाख टन सरकारी गेहूं निर्यात के सौदे
नई दिल्ली -सार्वजनिक कंपनियां केंद्रीय पूल से अभी तक 11.5 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे कर चुकी हैं जबकि इसमें से सात लाख टन से ज्यादा का शिपमेंट भी हो चुका है। इसके अलावा प्राइवेट स्टॉक से निर्यातक करीब 28 लाख गेहूं के निर्यात सौदे कर चुके हैं। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक कंपनियां एसटीसी, एमएमटीसी और पीईसी अभी तक 11.50 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे कर चुकी है जबकि करीब सात लाख टन से ज्यादा की शिपमेंट भी हो चुका है।
यह गेहूं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से निर्यात हो रहा है। केंद्र सरकार ने गेहूं के भारी-भरकम स्टॉक को कम करने के लिए केंद्रीय पूल से 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे रखी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई तेजी से विदेशी बाजारों में भारतीय गेहूं अन्य देशों के मुकाबले सस्ता पड़ रहा है इसीलिए निर्यात सौदों में तेजी आई है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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