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17 मार्च 2019

खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी तिलहन किसानों पर भारी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की दैनिक आवक शुरू हो गई है जबकि फरवरी महीने में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 12.42 लाख टन का हुआ है। अत: आयात में हुई बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों का स्टॉक ज्यादा है, जिस कारण उत्पादक मंडियों में किसानों को सरसों 3,500 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। 
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 12.42 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी में इनका आयात 11.57 लाख टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर से अक्टूबर) के पहले चार महीनों में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 1.61 फीसदी बढ़कर 48.62 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 47.85 लाख टन का ही हुआ था। एसईए के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा क्रुड और पॉम तेल के आयात शुल्क में अंतर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर देने से रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी हुई है। 
समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही है सरसों
सोनीपत जिले के गोहाना के किसान गजे सिंह ने बताया कि मंडी मेें उन्होंने सरसों 3,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेची है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है। जिस कारण व्यापारी समर्थन मूल्य से नीचे भाव पर खरीद कर रहे हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से आयात पड़ते सस्ते
खाद्य तेलों के आयातक हेंमत गुप्ता ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत बना हुआ है जिस कारण खाद्य तेलों का आयात सस्ता पड़ रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सात महीने के ऊपरी स्तर को छू चुका है। शुक्रवार को एक डॉलर की कीमत 69.10 रुपये रही। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में सरसों की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है तथा अप्रैल में मूंगफली की नई फसल की आवक भी बढ़ेगी।
सालभर में आयातित तेलों के भाव में आई भारी गिरावट
एसईए के अनुसार आयातित खाद्य तेलों के भाव भी पिछले साल की तुलना में नीचे बने हुए हैं। फरवरी 2019 में आरबीडी पामोलीन का औसत भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 585 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि पिछले साल फरवरी में इसका भाव 677 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का भाव फरवरी 2018 के 675 डॉलर प्रति टन से घटकर फरवरी 2019 में 550 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव इस दौरान 809 डॉलर प्रति टन से घटकर 760 डॉलर प्रति टन रह गया। ..............  आर एस राणा

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