नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में शुक्रवार को उड़द एवं मूंग की कीमतों में सुधार आया, जबकि इस दौरान अरहर तथा मसूर के भाव कमजोर हुए। चना की कीमत स्थिर बनी रही।
बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में स्थिर हो गए। उड़द एफएक्यू के भाव जुलाई एवं अगस्त शिपमेंट के भाव 765 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव जुलाई एवं अगस्त शिपमेंट के 835 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे। लेमन अरहर के भाव चेन्नई में जुलाई एवं अगस्त शिपमेंट के 730 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए।
चेन्नई में आयातित उड़द की कीमत डॉलर में स्थिर हो गई, साथ ही इस दौरान म्यांमार में इनके दाम स्थिर ही बने रहे। घरेलू बाजार में दाल मिलों की खरीद से उड़द की कीमतों में हल्का सुधार आया। जानकारों के अनुसार आयातक उड़द में बिकवाली कम कर रहे हैं। हालांकि घरेलू बाजार में दाल मिलों की खरीद भी सीमित बनी हुई है, जिस कारण मौजूदा कीमतों में अभी एकतरफा बड़ी तेजी के आसार नहीं है। उड़द दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। उधर म्यांमार के निर्यातकों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। जबलपुर और गुजरात की मंडियों में समर उड़द की आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण अगले महीने से उड़द दाल में मांग बढ़ने की उम्मीद है साथ ही दक्षिण भारत की दाल मिलों की खरीद भी उड़द में बढ़ेगी। ऐसे में उड़द की कीमतों में आगामी दिनों में सुधार आने की उम्मीद है।
चेन्नई में लेमन अरहर की कीमत स्थिर बनी रही, साथ ही इस दौरान म्यांमार में लेमन अरहर की कीमत भी पूर्व स्तर पर लगातार दूसरे दिन स्थिर बनी रही। घरेलू बाजार में जहां आयातित अरहर के दाम स्थिर हो गए, वहीं देसी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार दाल मिलों की खरीद अरहर में कमजोर बनी हुई है, इसलिए इसकी कीमतों में तेजी नहीं बन पा रही है। हालांकि अरहर दाल की खपत चालू महीने में बढ़ेगी। उधर उत्पादक राज्यों कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र में देसी अरहर की आवकों में काफी कमी आई है। हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का उत्पादन अनुमान ज्यादा था इसलिए स्टॉकिस्टों के पास स्टॉक है। आयातित अरहर बराबर आ रही है। अत: अरहर की कीमतों में आगे हल्का सुधार आने का अनुमान है। वैसे केंद्र सरकार घरेलू बाजार में लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है।
दाल मिलों की मांग सीमित होने से चना की कीमत स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार त्योहारी सीजन के कारण चालू महीने में बेसन एवं चना दाल की मांग बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए चना की कीमतों में सुधार आ सकता है। वैसे भी उत्पादक मंडियों में चना की आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है, तथा स्टॉकिस्ट दाम घटाकर बिकवाली नहीं करना चाहते। माना जा रहा है कि स्टॉकिस्टों की पास चना का बकाया स्टॉक तो है लेकिन इन भाव में स्टॉकिस्टों को नुकसान हो रहा है। केंद्रीय पूल में चना का स्टॉक कम। मानसूनी सीजन एवं त्योहार के कारण जुलाई के साथ ही अगस्त में बेसन की खपत अच्छी रहने की उम्मीद है। चालू रबी सीजन में व्यापारी चना का उत्पादन अनुमान कम मान रहे हैं। इसलिए ज्यादा मंदा मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
नेफेड ने 2 जुलाई को मध्य प्रदेश में ई नीलामी के माध्यम से फसल सीजन 2022 का चना 5,059 से 5,067 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा।
देसी मसूर के दाम दिल्ली में लगातार तीसरे दिन 25 रुपये कमजोर हुए हैं, साथ ही इस दौरान आयातित मसूर की कीमत बंदरगाह दूसरे दिन घट गई। व्यापारियों के अनुसार दाल मिलों की खरीद आगामी दिनों में मसूर में बढ़ेगी, इसलिए इसके भाव में एकतरफा बड़ी गिरावट के आसार नहीं है। प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक पहले की तुलना में कम हुई है तथा मसूर का घरेलू उत्पादन अनुमान कम हुआ था। हालांकि उत्पादक राज्यों में स्टॉकिस्टों के पास बकाया स्टॉक अच्छा है, लेकिन मसूर की घरेलू फसल अप्रैल में आयेगी। कृषि मंत्रालय के अनुसार रबी में मसूर का उत्पादन 18.17 लाख टन होने का अनुमान है। जानकारों का मानना है कि आगामी महीनों में इसके आयात में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार मई में ऑस्ट्रेलिया से मसूर का आयात 3,515 टन का हुआ था।
दिल्ली में मूंग के भाव दूसरे दिन 25 रुपये तेज हुए, हालांकि इस दौरान उत्पादक मंडियों में इसके दाम स्थिर ही बने रहे। व्यापारियों के अनुसार मूंग की खरीद कई राज्यों में समर्थन मूल्य पर हो रही है, इसलिए स्टॉकिस्ट दाम तेज करना चाहते हैं। हालांकि उत्पादक मंडियों में समर सीजन की मूंग की आवक बराबर बनी हुई है, तथा इसका उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। उधर दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही मूंग की खरीद कर रही है। इसलिए बढ़े दाम पर मुनाफावसूली करते रहना चाहिए। वैसे भी आगामी दिनों में मूंग की आवक और बढ़ेगी। जानकारों के अनुसार उत्पादक मंडियों में मूंग की कुल आवक की तुलना में खरीद सीमित मात्रा में ही होने का अनुमान है। वैसे भी केंद्र सरकार केंद्रीय पूल से लगातार मूंग की बिकवाली कर रही है।
नेफेड ने 2 जुलाई को राजस्थान में ई नीलामी के माध्यम से फसल सीजन 2024 का मूंग 6,711 से 6,013 रुपये और फसल सीजन 2023 की मूंग 6,055 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची।
चेन्नई में उड़द एफएक्यू के दाम 6,675 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि एसक्यू के भाव 25 रुपये तेज होकर 7,325 से 7,375 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये बढ़कर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि एसक्यू के भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 7,775 से 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 6,675 से 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि विजयवाड़ा में पॉलिश उड़द के दाम 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 6,350 से 6,375 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 6,750 से 6,775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 6,350 से 6,375 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
देसी अरहर के दाम रायपुर एवं जालना तथा लातूर और जलगांव में कमजोर हुए जबकि अन्य उत्पादक मंडियों में लगभग स्थिर बने रहे।
मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के भाव 6,000 से 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 5,800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मतवारा की अरहर के भाव 5,700 से 5,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सफेद अरहर के दाम 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में देसी मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर भाव 6,600 से 6,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 25 रुपये घटकर 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कांडला बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। हजिरा बंदरगाह पर मसूर के भाव 6,025 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 6,125 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। पटना में देसी मसूर के बिल्टी भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में राजस्थान के बेस्ट चना के दाम 5,800 से 5,825 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना का व्यापार 5,750 से 7,775 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।
इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 7,000 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 6,750 से 7,050 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। जलगांव में चमकी मूंग के दाम 6,700 से 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। दिल्ली में मूंग के दाम 25 रुपये तेज होकर 7,175 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अकोला में मूंग के भाव 7,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

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