नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में फसलों की बुआई की 6.23 फीसदी बढ़कर 597.86 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 560.59 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में देशभर के राज्यों में धान की रोपाई बढ़कर 123.680 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रोपाई केवल 111.85 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
दलहनी फसलों की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 67.09 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 53.39 लाख हेक्टेयर में तुलना में बढ़ी है। इस दौरान अरहर की बुआई 25.42 लाख हेक्टेयर में, मूंग की बुआई 23.16 लाख हेक्टेयर में और उड़द की 11.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 27.18 लाख हेक्टेयर में, 12.19 लाख हेक्टेयर और 11.54 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
चालू खरीफ सीजन में तिलहनी फसलों की बुआई थोड़ी घटकर 137.27 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय 139.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनी फसलों में मूंगफली की बुआई 32.99 लाख हेक्टेयर में, सोयाबीन की 99.03 लाख हेक्टेयर में तथा सनफ्लावर की 49,000 हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 28.04 लाख हेक्टेयर में, 107.78 लाख हेक्टेयर में तथा 48,000 हेक्टेयर में ही हुई थी।
शीशम सीड की बुआई चालू खरीफ में 4.48 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 3.12 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है। कैस्टर सीड की बुआई 23 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 15 हजार हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।
मोटे अनाजों की बुआई बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 116.30 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 99.78 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। मोटे अनाजों में मक्का की 61.88 लाख हेक्टेयर में तथा बाजरा की 44.01 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 59.73 और 29.59 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। ज्वार की बुआई 8 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 7.39 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।
चालू खरीफ में गन्ने की बुआई 55.16 लाख हेक्टेयर में और कपास की 92.83 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 54.88 लाख हेक्टेयर और 95.22 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

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