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10 जुलाई 2025

सीसीआई ने कॉटन के बिक्री भाव 200 रुपये बढ़ाए, हाजिर बाजार में भी दाम तेज

नई दिल्ली। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने मंगलवार को ई-नीलामी में कॉटन की बिक्री कीमतों में 200 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की। इससे घरेलू बाजार में भी कॉटन की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।


जानकारों के अनुसार सीसीआई कुल खरीदी हुई कॉटन का लगभग 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा घरेलू बाजार में बेच चुकी है। सीसीआई द्वारा बिक्री कीमतों में बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब घरेलू कॉटन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तुलना में प्रीमियम पर कारोबार कर रही हैं। मालूम हो कि पिछले सप्ताह भी सीसीआई ने कॉटन की बिक्री कीमतों में बढ़ोतरी की थी।

स्पिनिंग मिलों की मांग बढ़ने के कारण मंगलवार को गुजरात में कॉटन की कीमत महंगी हो गई, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर से तेज हुए।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव मंगलवार को 300 रुपये तेज होकर दाम 55,800 से 56,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए।

पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव तेज होकर 5,890 से 5,900 रुपये प्रति मन बोले गए।हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5,630 से 5,700 रुपये प्रति मन बोले गए।ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के 5,750 से 5,950 रुपये प्रति मन बोले गए।लोअर राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के 56,200 से 56,300 रुपये कैंडी बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 10,100 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा कारोबार में कॉटन की कीमतों में तेजी का रुख रहा। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल 26 महीने के वायदा अनुबंध में कपास के दाम 0.5 रुपये तेज होकर 1,606 रुपये प्रति 20 किलो हो गए। एमसीएक्स पर जुलाई 25 महीने के वायदा अनुबंध में कपास के दाम 460 रुपये तेज होकर 53,500 रुपये प्रति कैंडी हो गए। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में तेजी आई, जबकि उत्तर भारत में इसके दाम स्थिर से तेज हुए। व्यापारियों के अनुसार सीसीआई ने सोमवार 1,38,000 गांठ कॉटन के बिक्री की थी। प्राइवेट बाजार में जिनर्स के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है। अत: जिनर्स की बिकवाली भी कमजोर है। इसलिए मिलों को कॉटन की ज्यादा खरीद सीसीआई से करनी पड़ रही है। ऐसे में हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर ही निर्भर करेगी।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 4 जुलाई तक देशभर के राज्यों में कपास की बुआई 1.2 फीसदी बढ़कर 79.54 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 78.58 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई थी।

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