नई दिल्ली। चालू तेल वर्ष के पहले आठ महीनों नवंबर-24 से जून-25 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 8 फीसदी कम होकर 9,434,593 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 10,229,106 टन का हुआ था। हालांकि खाद्य तेलों के आयात के आंकड़ों में नेपाल से आयात हुई मात्रा शामिल नहीं है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2024-25 के जून 2025 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात थोड़ा कम होकर 1,549,825 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल जून में इनका आयात 1,550,659 टन का हुआ था। इस दौरान खाद्वय तेलों का आयात 1,531,328 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 18,497 टन का हुआ है। हालांकि मई के मुकाबले जून में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों के आयात में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।चालू तेल वर्ष 2025 की पहली छमाही (जनवरी से जून) के दौरान खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 6,575,525 टन का हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष 2024 की समान अवधि के दौरान यह 7,756,830 टन था, यानी कि इसमें 15 फीसदी की गिरावट आई है।चालू खरीफ सीजन में 9 जुलाई 2025 तक, अखिल भारतीय स्तर पर मानसूनी बारिश सामान्य से 15 फीसदी अधिक हुई है। प्रमुख तिलहन उत्पादक क्षेत्रों में मानसून के जल्दी आने से खरीफ फसलों की बुवाई विशेष रूप से मूंगफली और सोयाबीन में बढ़ोतरी हुई है। 4 जुलाई 2025 तक कुल खरीफ तिलहन रकबा 108.21 लाख हेक्टेयर था, जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के 94.90 लाख हेक्टेयर की तुलना में 12.3 फीसदी अधिक है।चालू तेल वर्ष 2024-25 की पहले आठ महीनों नवंबर 24 से जून 25 के दौरान 1,381,818 टन की तुलना में 982,711 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलीन) का आयात किया गया और नवंबर 23 से जून 24 के दौरान 8,713,347 टन की तुलना में 8,225,880 टन क्रूड तेल का आयात किया गया। आरबीडी पामोलीन और सीपीओ के कम आयात के कारण रिफाइंड तेल का अनुपात 14 फीसदी से घटकर 11 फीसदी रह गया, जबकि सोया तेल के आयात में वृद्धि के कारण क्रूड पाम तेल का अनुपात 86 फीसदी से बढ़कर 89 फीसदी हो गया।एसईए के अनुसार नवंबर 2024 से जून 2025 के दौरान, पाम तेल का आयात नवंबर 2023 से जून 2024 के 5,763,367 टन से घटकर 4,285,573 टन का ही रह गया, जबकि सॉफ्ट ऑयल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 4,331,799 टन से बढ़कर 4,923,018 टन हो गया। अत: पाम तेल की हिस्सेदारी 57 फीसदी से घटकर 47 फीसदी रह गई, जबकि सॉफ्ट तेलों की हिस्सेदारी 43 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गई।मई के मुकाबले जून में आयातित खाद्वय तेलों के दाम भारतीय बदंरगाह पर तेज हुए हुए हैं। जून में आरबीडी पामोलिन का भाव भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 1,006 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मई में इसका भाव 1,004 डॉलर प्रति था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर जून में बढ़कर 1,055 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मई में इसका भाव 1,039 डॉलर प्रति टन था। क्रूड सोया तेल का भाव मई में भारतीय बंदरगाह पर 1,106 डॉलर प्रति टन था, जोकि जून में बढ़कर 1,122 डॉलर प्रति टन हो गया।