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05 नवंबर 2024

चालू खरीफ सीजन में धान की सरकारी खरीद 135 लाख टन के पार

नई दिल्ली। चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद बढ़कर 135 लाख टन के पार पहुंच गई है। अभी हुई खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब एवं हरियाणा की है।


केंद्रीय खाद्वय मंत्रालय के अनुसार पंजाब की मंडियों में 2 नवंबर तक कुल 90.69 लाख टन धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से 85.41 लाख टन राज्य एजेंसियों और एफसीआई द्वारा खरीदा जा चुका है।

सेंट्रल फूड ग्रेन प्रोक्योरमेंट पोर्टल के अनुसार हरियाणा की मंडियों से चालू खरीफ विपणन सीजन में 44.06 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। अन्य राज्यों में हिमाचल से 17,610 टन, जम्मू कश्मीर से 12,086 टन, बिहार से 1,366 टन तथा आंध्र प्रदेश से 6,857 टन धान की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है।

चालू खरीफ में केरल से 1,186 टन, तमिलनाडु से 4,45,837 टन तथा तेलंगाना से 3,995 टन के अलावा उत्तराखंड से 99,919 टन तथा उत्तर प्रदेश से 58,637 टन धान की खरीद समर्थन मूल्य पर हुई है।

केंद्रीय खाद्वय मंत्रालय के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीद पंजाब से 1 अक्टूबर 2024 से शुरू की गई थी तथा राज्य के किसानों से सुचारू खरीद के लिए पूरे राज्य में 2,927 मंडियों के अलावा अस्थायी खरीद केंद्र खोले गए हैं। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए पंजाब से धान की खरीद का अनुमानित लक्ष्य 185 लाख टन तय किया है, तथा राज्य में 30.11.2024 तक खरीद जारी रहेगी।

हालांकि सितंबर में भारी बारिश और धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण खरीद थोड़ी देर से शुरू हुई थी, लेकिन अब सरकारी खरीद में पूरे जोरों पर है।

केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य,एमएसपी 2,300 रुपये और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ग्वार गम का निर्यात 5.09 फीसदी बढ़ा

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान देश से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 5.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में ग्वार सीड की आवकों में दीपावली के अवकश के बाद बढ़ोतरी होगी। इसलिए ग्वार गम एवं ग्वार सीड की कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से सितंबर के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 2.27 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 2.16 लाख टन का ही हुआ था।

मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 2,343.16 करोड़ रुपये का हुआ है।

उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़कर 46 से 48 हजार बोरियों की हो रही है। इसमें नए ग्वार सीड की हिस्सेदारी 42 से 44 हजार बोरियों की तथा पुरानी की चार से पांच हजार बोरियों की हो रही है। जानकारों के अनुसार दीपावली की छुट्टियों के बाद ग्वार सीड की आवक बढ़ने की उम्मीद है।

जानकारों के अनुसार चालू सीजन में ग्वार सीड की बुआई में आई कमी से उत्पादन अनुमान कम है, लेकिन ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग भी सीमित ही बनी हुई है।

उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड के भाव 4,500 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं, जबकि ग्वार गम के दाम जोधपुर में 10,600 से 10,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़ा, गैर बासमती का घटा - एपिडा

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से बासमती चावल के निर्यात में 17.90 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 32.39 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 17.90 फीसदी बढ़कर 27.20 लाख टन का हो चुका है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 23.07 लाख टन का ही हुआ था।

गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान 32.39 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 46.52 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 68.81 लाख टन का हुआ था।

केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल पर 10 फीसदी के निर्यात शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है, जबकि सितंबर में सरकार ने गैर-बासमती उबले चावल, भूरे चावल और धान पर निर्यात शुल्क 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया था। पिछले दिनों बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 950 डॉलर प्रति टन को समाप्त किया था।

पंजाब एवं हरियाणा के साथ ही राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की मंडियों में सप्ताह में जहां धान की कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है, वहीं इस दौरान बारिक चावल के दाम भी 100 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार आगे धान की आवकों में कमी आयेगी, जबकि मिलों की खरीद बनी रहने का अनुमान है। इसलिए धान के साथ ही चावल की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है।

हरियाणा की खरखौदा मंडी में मंगलवार को पूसा 1,121 किस्म के धान के भाव 4,271 रुपये, 1,718 किस्म के 3,751 रुपये तथा 1,509 किस्म के 2,900 से 3,221 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। पंजाब की नाभा मंडी में डीपी धान के भाव 2,400 से 3,350 रुपये, 1,718 किस्म के 3,200 से 3,405 रुपये तथा 1,847 किस्म के धान के दाम 2,650 से 2,955 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। राजस्थान की बारा मंडी में 1,509 किस्म के धान के भाव 2,700 से 2,800 रुपये, सुगंधा किस्म के धान के दाम 2,000 से 2,501 रुपये और 1,718 किस्म के 3,051 से 3,351 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

दिल्ली के नया बाजार में पूसा 1,509 किस्म के स्टीम चावल का व्यापार 6,200 से 6,400 रुपये और इसके सेला चावल का 5,500 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। इस दौरान पूसा 1,121 किस्म के सेला चावल के भाव 7,500 से 7,700 रुपये और स्टीम चावल के 8,500 से 8,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे।