नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 950 डॉलर समाप्त कर देने से घरेलू बाजार में शनिवार को धान की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। राइस मिलों की मांग बढ़ने से आगामी दिनों में इसके भाव में और भी सुधार आयेगा।
पंजाब की तरतनारन मंडी में शनिवार को पूसा 1,509 किस्म के धान के भाव 50 रुपये तेज होकर भाव 2,350 से 3,019 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि इसकी दैनिक आवक 6,000 बोरियों की हुई। अमृतसर मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के दाम तेज होकर 2,400 से 3,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि दैनिक आवक 30,000 बोरियों की हुई।
हरियाणा की टोहाना मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के दाम 100 रुपये तेज होकर 2,600 से 3,165 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। लाडवा मंडी में इसके दाम 75 रुपये बढ़कर 2,600 से 3,050 रुपये तथा टोहाना मंडी में अच्छी क्वालिटी के भाव 100 रुपये बढत्रकर 3,191 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
केंद्र सरकार ने बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को शुक्रवार को हटा दिया। एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) से इस निर्णय को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि एपीडा बासमती चावल के निर्यात के लिए किसी भी अवास्वतिक मूल्य पर निर्यात अनुबंध पर करीब से नजर रखेगा।
केन्द्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने परमल धान की सरकारी खरीद 23 नवंबर 2024 से करने का निर्णय लिया है। व्यापारियों के अनुसार गत वर्ष राइस मिलों ने मंडी से हाईब्रिड व नमी युक्त धान का उठाव किया था, जिस कारण स्टॉक में रखा धान खराब हो गया। इससे चावल की क्वालिटी प्रभावित हुई, जिस कारण राइस मिलर को नुक्सान हुआ।
राइस मिलर एसोसिएशन तरावड़ी ने इस स्थिति को देखते हुए निर्णय किया है कि मंडी से सरकारी कर्मचारी खुद धान की खरीद करके राइस मिल में भेजेगा और राइस मिलर्स अपनी मिल में धान की गुणवत्ता चेक करेगी तथा सरकारी मानकों अनुसार खरा होने पर ही उसे अपनी राइस मिल में उतरवायेगा, नहीं नहीं तो वापस भेज देगा। जैसा कि गेहूं में होता है। केंद्र सरकार किसी भी तरह की राहत राइस मिलर को देने को तैयार नहीं है उल्टे चावल लेने कि प्रक्रिया को और अधिक सख्त कर दिया है।
राइस मिलर एसोसिएशन तरावड़ी ने अपने जमीदारो को हिदायत दी है कि वह अपने धान को सुखा व साफ सुथरा करके सरकारी मानकों अनुसार ही मंडी में लेकर आए ताकि सरकारी कर्मचारी उसको आसानी से खरीद लें और किसान को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े राइस मिलर मंडी से सरकारी धान की खरीद नहीं करेगा।
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