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13 सितंबर 2024

चालू तेल वर्ष के 10 महीनों में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 3 फीसदी घटा- एसईए

नई दिल्ली। चालू तेल वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों नवंबर 23 से अगस्त 24 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 3 फीसदी घटकर 13,687,511 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 14,121,076 टन का हुआ था।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार अगस्त 2024 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 16 फीसदी घटकर 1,563,3296 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल अगस्त में इनका आयात 1,866,123 टन का ही हुआ था। अगस्त 2024 के दौरान खाद्वय तेलों का आयात 1,536,229 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 27,100 टन का हुआ है।

व्यापारियों का अनुमान है कि आगामी दो महीनों सितंबर एवं अक्टूबर के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात लगभग 27 से 28 लाख टन होने का अनुमान है। अत: तेल वर्ष 2023-24 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान कुल आयात पिछले वर्ष के लगभग बराबर 160-165 लाख टन के बीच ही होने की संभावना है।

एसईए के अनुसार पिछले दो महीनों में उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी जोकि 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है इससे 550 से 600 रुपये प्रति क्विंटल नीचे आ गई थी। इस कारण उत्पादक राज्यों में किसानों में काफी असंतोष था क्योंकि नई फसल आने में अब केवल 4 से 5 सप्ताह ही बचे है। अत: नई फसल आने पर कीमतों पर और दबाव बढ़ता। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक से सोयाबीन की खरीद एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की मंजूरी दे दी है, जिसका एसईए स्वागत करता है। अत: सरकार के फैसले से पिछले दो, तीन दिनों में सोयाबीन के दाम बढ़कर मंडियों में 4,600 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

इसका सबसे अच्छा समाधान यह होना चाहिए कि क्रूड खाद्य तेलों और रिफाइंड तेलों पर आयात शुल्क में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए, जिस कारण आयात शुल्क में अंतर न्यूनतम 15 फीसदी का हो। इससे किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलेगा और मिलें किसानों को एमएसपी से अधिक कीमत दे पाएंगी। साथ ही सरकार को एमएसपी पर खरीद नहीं करनी पड़ेगी। यह किसानों के साथ ही उद्योग और सरकार के लिए अच्छा रहेगा। एसईए लगातार केंद्र सरकार से आयात शुल्क के अंतर को बढ़ाने का आग्रह कर रहा है और उम्मीद है कि सरकार द्वारा जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

तेल वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों में, देश में 1,610,801 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) का आयात किया, जोकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि के दौरान आयात किए गए 1,924,194 टन की तुलना में 16 फीसदी कम है। इस दौरान 11,860,655 टन क्रूड तेल का आयात किया गया, जोकि नवंबर 2022 एवं अगस्त 2023 के दौरान किए गए 12,050,632 टन की तुलना में 2 फीसदी कम है।

जुलाई के मुकाबले अगस्त में आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। अगस्त में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलिन का भाव बढ़कर 980 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जुलाई में इसका दाम 949 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का दाम अगस्त में बढ़कर 1,011 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जुलाई में इसका भाव 979 डॉलर प्रति टन था। हालांकि क्रूड सोयाबीन तेल का भाव अगस्त में घटकर भारतीय बंदरगाह पर 1,015 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि जुलाई में इसका भाव 1,054 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड सनफ्लावर तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर जुलाई के 1,043 डॉलर से घटकर अगस्त में 1,019 डॉलर प्रति टन रह गया।

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