नई दिल्ली। कुईट और मोपा के बाद अब मरुधर ट्रेडिंग ने भी सरसों के उत्पादन अनुमान में कटौती की है। मरुधर ट्रेडिंग कंपनी के अनुसार फसल सीजन 2023-24 में देश में सरसों का उत्पादन 108 लाख टन ही होने का अनुमान है, जबकि कंपनी ने इससे पहले 116 लाख टन के उत्पादन का अनुमान जारी किया था।
कुईट एवं मोपा ने फसल सीजन 2023-24 ने सरसों के आरंभिक उत्पादन अनुमान 123 लाख टन को घटाकर 115 लाख टन कर दिया। जानकारों के अनुसार उत्पादन अनुमान में कटौती से घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में हल्की तेजी बनने का अनुमान।
मरुधर ट्रेडिंग कंपनी के अनुसार राजस्थान में सरसों का उत्पादन 53 लाख टन, पंजाब एवं हरियाणा में 12 लाख टन तथा मध्य प्रदेश में 13 लाख टन और पश्चिम बंगाल तथा अन्य राज्यों में 19 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 13 लाख टन तथा गुजरात में 5 लाख टन ही होने का अनुमान है। अत: चालू सीजन में 108 लाख टन का उत्पादन तथा नई फसल की आवक के समय 12 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। अत: कुल उपलब्धता 120 लाख टन की बैठेगी।
पहली मार्च से 31 अगस्त तक देशभर की मंडियों में 85 लाख टन सरसों की आवक हो चुकी है, जिसमें से 64.50 लाख टन की क्रेसिंग हुई है। अत: तेल मिलर्स एवं स्टॉकिस्ट के पास केवल 7 लाख टन का ही बकाया स्टॉक बचा हुआ है।
मरुधर ट्रेडिंग कंपनी के अनुसार 31 अगस्त को देशभर में सरसों का कुल बकाया स्टॉक 55.50 लाख टन का बचा हुआ है, जिसमें से 23 लाख टन किसानों के पास है। इसके अलावा नेफेड एवं हेफैड के पास नया एवं पुराना मिलाकर कुल 25.50 लाख टन का स्टॉक है, जबकि मिलर्स एवं स्टॉकिस्टों के पास केवल 7 लाख टन का ही स्टॉक है।
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