नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान देश से बासमती चावल के निर्यात में 19.14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 37.64 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जुलाई के दौरान बासमती चावल का निर्यात 19.14 फीसदी बढ़कर 19.17 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 16.09 लाख टन का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों अप्रैल एवं जुलाई के दौरान 37.64 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 33.41 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 53.58 लाख टन का हुआ था।
मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के दौरान बासमती चावल का निर्यात 16,997.77 करोड़ रुपये का और गैर बासमती चावल का 13,370.58 करोड़ रुपये का हुआ है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 950 डॉलर प्रति टन को समाप्त किया था।
व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में पूसा 1,509 किस्म के धान की आवक बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चालू महीने में इसके भाव में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है।
हरियाणा की पानीपत मंडी में धान की आवक मंगलवार को 7,000 बोरियों की हुई तथा इसके भाव 2,500 से 2,731 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से राज्य की करनाल मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान की आवक मंगलवार को बढ़कर 22,000 बोरियों की हुई तथा इसके दाम कमजोर होकर 2,200 से 2,670 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्तर प्रदेश की हापुड़ मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के 2,300 से 2,751 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पंजाब की संगरूर मंडी में 1,509 किस्म के धान की आवक 8,000 बोरियों की हुई तथा इसके भाव 2,550 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली के नया बाजार में पूसा 1,509 किस्म के नए सेला चावल का भाव मंगलवार को 5,300 से 5,400 रुपये और इसके नए स्टीम चावल का भाव 5,800 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। हाल ही में इसकी कीमतों में भी मंदा आया है।
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