आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं के आयात में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विश्व बाजार में कीमतों में आए सुधार के साथ ही घरेलू बाजार में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से आगामी महीनों में आयात कम होने की आशंका है। घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक आयात शुल्क पर निर्भर करेंगी, आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया तो फिर मौजूदा भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है, नहीं तो मौजूदा भाव में हल्की गिरावट और भी आ सकती है। दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में गेहूं का भाव बुधवार को 1,815 से 1,820 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं का आयात बढ़कर 6.55 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका आयात केवल 5.13 लाख टन का हुआ था। जानकारों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान करीब 9 लाख टन गेहूं का आयात हो चुका है तथा इसमें से करीब 8.25 लाख टन गेहूं भारतीय बंदरगाह पर पहुंच भी चुका है। आयात हो चुके सौदों में केवल दौ वैस्सल और आने हैं जोकि अगले सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद है।
यूक्रेन से आयात लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 216 से 217 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है, जबकि आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं का भाव 255 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। चालू सीजन में आस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन घटकर 206 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 350 लाख टन का उत्पादन हुआ था। आस्ट्रेलिया में औसतन 240 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है। पिछले साल ज्यादा उत्पादन होने के कारण गेहूं की कीमतों में विश्व बाजार में गिरावट आई थी, जबकि भारत में गेहूं की कमी थी, इसलिए पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में गेहूं का कुल आयात 57 लाख टन का हुआ था। चालू सीजन में उत्पादक राज्यों के साथ ही केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है, उधर विश्व बाजार में दाम भी बढ़े हैं, इसलिए आगामी महीनों में आयात कम होने का अनुमान है।
यूक्रेन से आयातित लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 1,730 से 1,740 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि गत सप्ताह इसके भाव 1,790 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं के सौदे 1,820 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दक्षिण भारत में आयातित करीब छह से सात लाख टन गेहूं का स्टॉक जमा है, जबकि आयातक आयात शुल्क में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि मंत्रालय द्वारा गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से 20 फीसदी करने के प्रस्ताव के बाद गत सप्ताह गेहूं की कीमतों में 40 से 50 रुपये की तेजी आई थी, लेकिन गत सप्ताह इस पर फैसला नहीं हो पाया, जिससे भाव में फिर गिरावट आई है। सूत्रों के अनुसार गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर फैसला जल्दी ही होने की संभावना है।................... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं के आयात में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विश्व बाजार में कीमतों में आए सुधार के साथ ही घरेलू बाजार में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से आगामी महीनों में आयात कम होने की आशंका है। घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक आयात शुल्क पर निर्भर करेंगी, आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया तो फिर मौजूदा भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है, नहीं तो मौजूदा भाव में हल्की गिरावट और भी आ सकती है। दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में गेहूं का भाव बुधवार को 1,815 से 1,820 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं का आयात बढ़कर 6.55 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका आयात केवल 5.13 लाख टन का हुआ था। जानकारों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान करीब 9 लाख टन गेहूं का आयात हो चुका है तथा इसमें से करीब 8.25 लाख टन गेहूं भारतीय बंदरगाह पर पहुंच भी चुका है। आयात हो चुके सौदों में केवल दौ वैस्सल और आने हैं जोकि अगले सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद है।
यूक्रेन से आयात लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 216 से 217 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है, जबकि आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं का भाव 255 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। चालू सीजन में आस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन घटकर 206 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 350 लाख टन का उत्पादन हुआ था। आस्ट्रेलिया में औसतन 240 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है। पिछले साल ज्यादा उत्पादन होने के कारण गेहूं की कीमतों में विश्व बाजार में गिरावट आई थी, जबकि भारत में गेहूं की कमी थी, इसलिए पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में गेहूं का कुल आयात 57 लाख टन का हुआ था। चालू सीजन में उत्पादक राज्यों के साथ ही केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है, उधर विश्व बाजार में दाम भी बढ़े हैं, इसलिए आगामी महीनों में आयात कम होने का अनुमान है।
यूक्रेन से आयातित लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 1,730 से 1,740 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि गत सप्ताह इसके भाव 1,790 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं के सौदे 1,820 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दक्षिण भारत में आयातित करीब छह से सात लाख टन गेहूं का स्टॉक जमा है, जबकि आयातक आयात शुल्क में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि मंत्रालय द्वारा गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से 20 फीसदी करने के प्रस्ताव के बाद गत सप्ताह गेहूं की कीमतों में 40 से 50 रुपये की तेजी आई थी, लेकिन गत सप्ताह इस पर फैसला नहीं हो पाया, जिससे भाव में फिर गिरावट आई है। सूत्रों के अनुसार गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर फैसला जल्दी ही होने की संभावना है।................... आर एस राणा
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