बजट से पहले कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार करने वालों ने वित्त मंत्रालय
के अधिकारियों से मुलाकात कर कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी सीटीटी हटाने
की मांग की है। कारोबारियों ने मांग की है कि कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स
यानि सीटीटी के हटाया जाए और इसको नॉन रिफंडेबल टैक्स का दर्जा मिले।
फिलहाल सीटीटी को खर्च का दर्जा दिया जाता है। कारोबारियों ने ये भी मांग की है कि सीटीटी को सेक्शन 88ई के तहत लाया
जाए। बता दें कि इसके 88ई के तहत आने पर टैक्स का बोझ कम होगा। कारोबारियों
पर डबल टैक्सेशन का बोझ हटाने की मांग की गई है। इसके अलावा सभी
डेरिवेटिव्स को नॉन स्पैक्यूलेटिव करने और बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने की
भी मांग की गई है।
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