आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 91.46 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 109.92 लाख टन का हुआ था। पिछले साल नई फसल की आवक के समय सोयाबीन का बकाया स्टॉक 4.41 लाख टन का ही बचा हुआ था जबकि चालू सीजन में बकाया स्टॉक 13.93 लाख टन का बचा हुआ है। अतः कुल उपलब्धता चालू सीजन में 105.39 लाख टन की बैठेगी, जबकि पिछले साल कुल उपलब्धता 114.33 लाख टन की थी।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन की कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में करीब 8.94 लाख टन कम रहेगी, इसके बावजूद उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 2,400 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि चालू खरीफ के लिए एमएसपी 3,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक 6 से 7 लाख क्विंटल की हो रही है। माना जा रहा है कि मौजूदा भाव में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा तो आ सकता है लेकिन बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में सोया डीओसी में निर्यात मांग बढ़ने पर सोयाबीन के भाव में सुधार आने का अनुमान है।
सोपा के अनुसार अक्टूबर में सोयाबीन की आवक 15.50 लाख टन की हुई है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में आवक 14 लाख टन की हुई थी। आगामी महीनों में सोयाबीन की आवक में कमी आयेगी। चालू फसल सीजन में करीब 85 लाख टन सोयाबीन की क्रेसिंग हो पायेगी, जबकि करीब 12 लाख टन की खपत बीज में होगी। अक्टूबर में सोया डीओसी का उत्पादन 5.67 लाख टन का हुआ है, जिसमें से केवल 0.67 लाख टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में केवल 0.44 लाख टन ही निर्यात हुआ था।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में डीओसी का कुल निर्यात 17.57 लाख टन का ही हुआ था, जबकि चालू फसल सीजन 2017-18 में 19.50 लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है। करीब 50 लाख टन सोया डीओसी की खपत घरेलू बाजार में होगी, जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 91.46 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 109.92 लाख टन का हुआ था। पिछले साल नई फसल की आवक के समय सोयाबीन का बकाया स्टॉक 4.41 लाख टन का ही बचा हुआ था जबकि चालू सीजन में बकाया स्टॉक 13.93 लाख टन का बचा हुआ है। अतः कुल उपलब्धता चालू सीजन में 105.39 लाख टन की बैठेगी, जबकि पिछले साल कुल उपलब्धता 114.33 लाख टन की थी।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन की कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में करीब 8.94 लाख टन कम रहेगी, इसके बावजूद उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 2,400 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि चालू खरीफ के लिए एमएसपी 3,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक 6 से 7 लाख क्विंटल की हो रही है। माना जा रहा है कि मौजूदा भाव में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा तो आ सकता है लेकिन बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में सोया डीओसी में निर्यात मांग बढ़ने पर सोयाबीन के भाव में सुधार आने का अनुमान है।
सोपा के अनुसार अक्टूबर में सोयाबीन की आवक 15.50 लाख टन की हुई है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में आवक 14 लाख टन की हुई थी। आगामी महीनों में सोयाबीन की आवक में कमी आयेगी। चालू फसल सीजन में करीब 85 लाख टन सोयाबीन की क्रेसिंग हो पायेगी, जबकि करीब 12 लाख टन की खपत बीज में होगी। अक्टूबर में सोया डीओसी का उत्पादन 5.67 लाख टन का हुआ है, जिसमें से केवल 0.67 लाख टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में केवल 0.44 लाख टन ही निर्यात हुआ था।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में डीओसी का कुल निर्यात 17.57 लाख टन का ही हुआ था, जबकि चालू फसल सीजन 2017-18 में 19.50 लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है। करीब 50 लाख टन सोया डीओसी की खपत घरेलू बाजार में होगी, जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। .............. आर एस राणा
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