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30 अप्रैल 2016

एग्री कमोडिटी में मुनाफे का अच्छा अवसर

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाये, कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........



आर एस राणा
rsrana2001@gmail.com
09811470207

चावल की सरकारी खरीद ज्यादा, बासमती चावल का निर्यात बढ़ा, गैर बासमती का घटा

आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ विपणन सीजन 2015-16 में चावल की सरकारी खरीद 312.53 लाख टन की हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 264.83 लाख टन से ज्यादा है। धान के साथ ही चावल की कीमतों में गत सप्ताह तेजी आई थी लेकिन चावल की निर्यात मांग कम होने के कारण हाल ही कीमतों में नरमी आई है। चालू वित वर्ष में देष से गैर-बासमती  चावल के निर्यात में काफी कमी देखी जा रही है।
एपिडा के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान देष से 30.69 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि इस दौरान 47.22 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ है। वित वर्ष 2014-15 की समान अवधि में देष से 25.68 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था तथा 60.82 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
जानकारों के अनुसार बासमती चावल का निर्यात आगे बढ़ेगा, जबकि राइस मिलों के पास बासमती धान का स्टॉक कम है जिससे पूसा-1121 बासमती धान और बासमती धान की मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार आ सकता है। हालांकि चालू खरीफ में मानसून अच्छा रहने का अनुमान है जिससे भारी तेजी की संभावना नहीं है।.......आर एस राणा

ग्वार गम के निर्यात में आई गिरावट


आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार गम के निर्यात में पिछले कई महीनों से कमी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार अक्टूबर 2015 में देष से 30 हजार टन ग्वार गम का निर्यात हुआ था जबकि इस समय इसका निर्यात हर महीने करीब 17 हजार टन का ही हो रहा है। जानकारों के अनुसार पिछले कुछ महीनों से कच्चे तेल की कीमतें मजबूत हो रही है, साथ ही चालू सीजन में भाव ग्वार सीड के कम रहे हैं जिससे ग्वार सीड की पैदावार भी कम ही रहेगा। वैसे भी विष्व बाजार में ग्वार गम की उपलब्धता अब कम हो रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ा और सुधार आने पर देष ग्वार गम की मांग में बढ़ोतरी होगी जिससे असर कीमतों पर पड़ सकता है।.......आर एस राणा

29 अप्रैल 2016

चीनी की उपलब्धता मांग से ज्यादा-सरकार

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अनुसार चालू पेराई सीजन में बेषक चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है लेकिन बकाया स्टॉक को मिलाकर चीनी की कुल उपलब्धता ज्यादा है। सरकार के अनुसार चालू पेराई सीजन 2015-16 के आरंभ में देष में चीनी का बकाया स्टॉक 90 लाख टन का बचा हुआ था जबकि चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 253 लाख टन होने का अनुमान है। देष में चीनी की सालाना खपत 255 लाख टन की होती है अतः ऐसे में नए सीजन 2016-17 के पेराई के आरंभ में करीब 73 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचेगा। चालू पेराई सीजन में देष से करीब 15 लाख टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है।.......आर एस राणा

मक्का का निर्यात घटा

आर एस राणा
नई दिल्ली।  चालू महीने के 24 अप्रैल 2016 का समाप्त हुए सप्ताह में देष से 1,159 टन मक्का का निर्यात हुआ है जोकि इसके पहले सप्ताह के 1,663 टन के मुकाबले कम है। इस समय मक्का के निर्यात सौद 214 डॉलर प्रति टन एफओबी की दर से हो रहे हैं तथा नेपाल के साथ मलेषिया और यमन की ही मांग आ रही है।....आर एस राणा

गेहूं की सरकारी 200 लाख टन के पार


आर एस राणा
नई दिल्ली। पंजाब से गेहूं की सरकारी खरीद में तेजी आई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 201.46 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है।
एफसीआई के अनुसार अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब से 95.31 लाख टन, हरियाणा से 63.38 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 2.95 लाख टन,     मध्य प्रदेष से 35.50 लाख टन और राजस्थान से 4.23 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। अभी तक हुई कुल खरीद में पिछले साल की तुलना में जहां पंजाब और हरियाणा से खरीद बढ़ी है वहीं मध्य प्रदेष से खरीद में कमी आई है। पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से 56.02 लाख टन, हरियाणा से 52.80 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 3.34 लाख टन और मध्य प्रदेष से 41.91 लाख टन तथा राजस्थान से 4.13 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी।
मलूम हो कि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर कुल 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जिसमें पंजाब से कुल खरीद 103.43 लाख टन, हरियाणा से 67.77 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 22.67 लाख टन, मध्य प्रदेष से 73.09 लाख टन और राजस्थान से 13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।.....आर एस राणा

28 अप्रैल 2016

एग्री कमोडिटी में मुनाफे का अच्छा अवसर

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाये, कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........



आर एस राणा
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09811470207

गुंटूर में 39 लाख बोरी लालमिर्च की हो चुकी है आवक

आर एस राणा
नई दिल्ली। मंडी सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में मध्य अप्रैल 2016 तक आंध्रप्रदेष की गुटूर मंडी में 39.95 लाख बोरी (एक बोरी-40 किलो) लालमिर्च की आवक चुकी है। इस समय दैनिक आवक कम हो रही है तथा तेजा क्वालिटी में घरेलू मसाला निर्माताओं के साथ ही निर्यातकों की मांग अच्छी बनी हुई है।
गुरुवार को गुंटूर मंडी में लालमिर्च की दैनिक आवक घटकर 30 हजार बोरी की हुई जबकि 341 क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 8,000 से 13,000 रुपये, तेजा क्वालिटी के 7,800 से 12,200 रुपये, एस-10 क्वालिटी के भाव 9,000 से 12,200 रुपये, ब्याडगी क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 8,000 से 13,200 रुपये और फटकी क्वालिटी के भाव 5,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।.....आर एस राणा

चालू महीने के चौथे सप्ताह मेंदलहन का आयात बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के चौथे सप्ताह 18 अप्रैल से 24 अप्रैल के दौरान देष में दलहन आयात में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 18 अप्रैल से 24 अप्रैल के दौरान देष में 94.8 हजार टन दालों का आयात हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के दौरान 81 हजार दालों का आयात हुआ है। इस दौरान सभी दालों के आयात में बढ़ोतरी हुई है।...आर एस राणा

आयातित अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट


आर एस राणा
नई दिल्ली। आयातित अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट आई है जबकि मूंग के भाव स्थिर बने हुए हैं। मुुंबई में लेमन के भाव घटकर 1,405 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि 26 तारिख को लेमन का भाव 1,425 डॉलर प्र्रति टन था। इसी तरह से उड़द एफएक्यू का भाव इस दौरान 1,540 डॉलर से घटकर 1,530 डॉलर और एसक्यू का भाव 1,720 डॉलर से घटकर 1,600 डॉलर प्रति टन रह गया।
मूंग अन्ना का भाव 1,000 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना हुआ है। पकाकू का भाव भी 1,050 डॉलर से घटकर और पेड़ीसेवा का भाव 1,070 डॉलर तथा छौला एसक्यू का भाव 790 और एफएक्यू का भाव 690 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना हुआ है। आयातित अरहर और उड़द की कीमतों में अभी और नरमी आने का अनुमान है।....आर एस राणा

27 अप्रैल 2016

गत सप्ताह 867 टन चना और 2,696 टन मसूर का आयात हुआ


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह यानि 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के दौरान देष में 867 टन आयातित चना आया। इस दौरान हुए कुल आयात में आस्ट्रेलिया से 321 टन, अर्जेटीना से 232 टन और अन्य देषों से 314 टन चने का आयात हुआ।
सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के दौरान देष में 2,696 टन मसूर का आयात हुआ। मसूर के कुल आयात में 1,529 टन का आयात कनाडा से तथा 1,051 टन अमेरिका से जबकि 116 टन मसूर का आयात आस्ट्रेलिया से हुआ।.......आर एस राणा

कपास निर्यात में गिरावट दर्ज की गई


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के दौरान कपास के निर्यात में कमी देखी गई। इस दौरान देष से 0.468 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का निर्यात हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह 4 अप्रैल से 10 अप्रैल के दौरान निर्यात 0.760 गांठ का हुआ था।
देष से 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के दौरान सबसे ज्यादा कपास का आयात बंगलादेष ने 0.20 लाख गांठ का किया है जबकि अन्य निर्यात इस दौरान पाकिस्तान को 0.12 लाख गांठ, वियतनाम को 0.06 लाख गांठ और चीन को 0.03    लाख गांठ का हुआ है।......आर एस राणा

क्या दालें फिर बिगाड़ेंगी जायका

चना उत्पादन में कमी के आसार हैं। वहीं तुअर का स्टॉक मांग से कम है। वहीं आयात के भी ज्यादा विकल्प नहीं हैं। ऐसे में सवाल ये हैं कि क्या दालें फिर बिगाड़ेंगी जायका? गौरतलब है कि देश में 2012-13 में 1.83 करोड़ टन, 2013-14 में 1.92 करोड़ टन दल का उत्पादन हुआ। अनुमान है कि 2015-16 में 1.83 करोड़ टन दाल का उत्पादन होगा। अगर मांग की बात करें तो साल 2013-14 में दाल की मांग रही 21.7 करोड़ टन। जबकि 2014-15 में दाल की मांग रही 22.68 करोड़ टन। दाल की मांग को पूरा करने के लिए 2014-15 में 37 लाख टन दाल का आयात किया गया है। वहीं अनुमान है कि साल 2015-16 में 50 लाख टन दाल का आयात किया जाएगा।

महाराष्ट्र सरकार ने नई पहल करते हुए प्राइस कंट्रोल बिल लागू करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने इस बिल पर अपनी मुहर लगा दी है। जिसके तहत जरूरी सामान का एमआरपी सरकार तय करेगी। दाल, तेल और अनाज इस कानून के दायरे में आएंगे। एमआरपी से ज्यादा दाम पर बेचने पर जुर्माना भरना होगा।

इधर दाल की सप्लाई को लेकर चिंता बनी हुई है। चने के उत्पादन में भारी कमी की आशंका है। इस साल 87 लाख टन चना उत्पादन का अनुमानहै। ये भी आशंका है कि उत्पादन अनुमान से 40 फीसदी कम रह सकता है। ऊंचे भावों पर भी चने की आवक कम है। तुअर का स्टॉक भी मांग के मुकाबले कम है। आयात के विकल्प भी बेहद सीमित हैं। लगातार 2 साल सूखे से दलहन की पैदावार कम हो गई है। इसके बावजूद सप्लाई बढ़ाने के ठोस उपाय नहीं किए गए। उधर सरकार जमाखोरों के खिलाफ सख्ती कार्रवाई करने 1.5 लाख टन के बफर स्टॉक बनाने का एलान कर रही है।

उप्र में चीनी उत्पादन में कमी के आसार

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सत्र 2015-16 में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कमजोर रहने का अनुमान है क्योंकि पेराई सत्र समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन लगभग 69.60 लाख टन पर रहा जबकि इस साल अब तक यह 67.90 लाख टन है। कुछ ही निजी मिलों के परिचालन में बने रहने की वजह से पेराई सत्र इस महीने के अंत तक समाप्त हो सकता है। इस उद्योग के एक अधिकारी ने  बताया, 'इस साल उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन पिछले साल के स्तर से थोड़ा कम रहने का अनुमान है। यह 2014-15 के सत्र की तुलना में 1.5 लाख टन कम रह सकता है।'
इस साल पेराई सत्र में शामिल हुए कुल 118 चीनी मिलों में से 111 मिलें अपने संबद्घ इलाकों में गन्ने की आपूर्ति सुस्त पडऩे के बाद अपना परिचालन समाप्त कर चुकी हैं। उत्तर प्रदेश चीनी क्षेत्र पर 94 मिलों के साथ निजी क्षेत्र का दबदबा है जिसके बाद सहकारी मिलों (24) और उत्तर प्रदेश स्टेट शुगर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएसएससीएल) का स्थान है। हालांकि इस साल 10.60 प्रतिशत पर चीनी की रिकवरी दर पिछले साल के 9.54 फीसदी की तुलना में बेहतर है।
उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) सचिव दीपक गुप्तारा ने कहा, 'रिकवरी कई कारकों की वजह से बेहतर रही है जिनमें अनुकूल मौसम हालात भी शामिल है जिससे गन्ने में चीनी की मात्रा बढ़ाने में मदद मिली। इसके अलावा किसानों ने नई वेरायटी की भी खेती की थी जिससे भी गन्ने से निकलने वाली चीनी की मात्रा में इजाफा हुआ है।' उन्होंने दावा कि गन्ने की नई किस्म का इस साल कुल गन्ना उत्पादन में 40 फीसदी का योगदान रहा है।
शुरू में अखिलेश यादव सरकार ने चालू 2015-16 के पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया था। गन्ने की सामान्य किस्म के लिए 280 रुपये प्रति क्विंटल की राज्य समर्थत कीमत (एसएपी) के साथ यह लगातार चौथा वर्ष है जब देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक उत्तर प्रदेश में यह कीमत समान बनी हुई है।  पिछली बार एसएपी में वृद्घि 2012-13 में की गई थी और तब इसे 17 फीसदी बढ़ाकर 280 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था।

26 अप्रैल 2016

मूल्य के हिसाब से दलहन का रिकार्ड आयात

आर एस राणा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2015-16 में मूल्य के हिसाब से दलहन का रिकार्ड आयात हुआ है। वित्त वर्ष 2015-16 में मूल्य के हिसाब से 24.198 करोड़ रुपये की दालों का आयात हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 14,396 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का आयात हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में 173.3 लाख टन दलहन की पैदावार होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2014-15 में 171.5 लाख टन दालों की पैदावार हुई थी। देष में फसल सीजन 2013-14 में रिकार्ड 192.7 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ था।......आर एस राणा

ग्वार गम में निर्यात मांग बढ़ेगी


आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार गम में निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष 20125-16 में ग्वार गम का निर्यात कम रहा था। माना जा रहा है कि आयातक देषों के पास ग्वार गम का स्टॉक कम है जबकि क्रुड की कीमतों में भी सुधार आया है ऐसे में मई से ग्वार गम की निर्यात मांग में सुधार आने का अनुमान है। अंतरराष्ट्र बाजार में ग्वार गम के निर्यात सौदे इस समय 975 से 1,000 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं।
इस समय ग्वार गम उत्पादों चूरी और कोरमा की मांग भी अच्छी बनी हुई है जबकि ग्वार सीड की दैनिक आवक कम हो रही है। ऐसे में ग्वार सीड की मौजूदा कीमतों में आगामी दिनों में तेजी ही आने का अनुमान है। कोरमा के भाव इस समय 2,800 से 2,900 रुपये और चूरी के भाव 2,300 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे है।......आर एस राणा

गेहूं की सरकारी 188 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं की सरकारी खरीद में तेजी आई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 188.11 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि पिछले विपणन सीजन की समान अवधि में केवल 159 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
एफसीआई के अनुसार अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब से 87.35 लाख टन, हरियाणा से 60.86 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 2.10 लाख टन,     मध्य प्रदेष से 34.42 लाख टन और राजस्थान से 3.28 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। अभी तक हुई कुल खरीद में पिछले साल की तुलना में जहां पंजाब और हरियाणा से खरीद बढ़ी है वहीं मध्य प्रदेष से खरीद में कमी आई है।
मलूम हो कि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर कुल 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जिसमें पंजाब से कुल खरीद 103.43 लाख टन, हरियाणा से 67.77 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 22.67 लाख टन, मध्य प्रदेष से 73.09 लाख टन और राजस्थान से 13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।........आर एस राणा

25 अप्रैल 2016

एग्री कमोडिटी में मुनाफे का अच्छा अवसर

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाये, कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........



आर एस राणा
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गेहूं निर्यात में आया सुधार

आर एस राणा
नई दिल्ली। नई फसल आने के बाद से देष से गेहूं के निर्यात में भी सुधार आया है। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 11 से 17 अप्रैल 2016 के दौरान 7,077.06 टन गेहूं का निर्यात हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में केवल 817.8 टन गेहूं का निर्यात हुआ था। इस दौरान गेहूं के निर्यात सौदे 286.44 डॉलर प्रति टन एफओबी की दर से हुए हैं तथा भारत से सबसे ज्यादा आयात इस दौरान यूएई, ताइवान, यूके, नेपाल और बहरीन तथा कुवैत ने किया है। दक्षिण भारत की रोलर फ्लोर मिलों ने मार्च महीने के तीसरे सप्ताह में आस्ट्रेलिया से 257.08 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ की दर से गेहंू का आयात किया था तथा अप्रैल में कोई आयात सौदे नहीं किए हैं।....आर एस राणा

ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 63 फीसदी की कमी


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीने में ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 63.15 फीसदी की भारी कमी आई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से फरवरी के दौरान देष से केवल 3,346.44 करोड़ रुपये के ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 9,080.52 करोड़ रुपये मूल्य के ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ था।
जानकारों के अनुसार इस समय उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक कम हो रही है तथा स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिवकवाल नहीं है, जबकि ग्वार गम के साथ ही चूरी और कोरमा की मांग अच्छी है। ऐसे में ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है। जोधपुर मंडी में सोमवार को ग्वार गम के भाव 6,200 रुपये और ग्वार सीड के भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।.....आर एस राणा

मार्च में जीरा का निर्यात बढ़ा


आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में देष से जीरा का निर्यात बढ़कर 13,127 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले महीने में केवल 7,209 टन जीरा का ही निर्यात हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरा की कीमतों में कमी आई है। चालू महीने में विष्व बाजार में जीरा की कीमतें घटकर 3.04 डॉलर प्रति किलो रह गई जबकि मार्च महीने में इसकी कीमतें 3.08 डॉलर प्रति किलो थी। पिछले साल विष्व बाजार में इस समय जीरा की कीमतें 3.64 डॉलर प्रति किलो थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान कुल जीरा का निर्यात 71,983 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 1.37 लाख टन का निर्यात हुआ था।....आर एस राणा

23 अप्रैल 2016

Higher Arrivals in Haryana as Compared to Last Year for Same Period

New Delhi.  As per the latest update, wheat arrivals in the mandis of Haryana have touched a figure of 5593184 tonnes. As compared to arrivals of last year for the same period the arrivals are higher by 3066451 tonnes. Of the total quantity, more than 19.85 lakh tonnes has been purchased by HAFED, over 15.01 lakh tonnes by Food and Supplies Department, over 9.92 lakh tonnes by Haryana warehousing corporation, over 6.14 lakh tonnes by FCI, over 4.98 lakh tonnes by Haryana Agro Industries Corporation and 467 tonnes has been procured by traders

Aromatic Rice Price Increases on Tight Supply

New Delhi. Wholesale Prices for India as an average for third week of April traded frail by 1.2% from last week. Prices are currently hovering at Rs.2960-2970/quintal and about 4.24% up from price of Rs.2844/Quintal during corresponding period last year. Agriwatch expects non-basmati rice market to move range bound with some firm tone in coming week.Wholesale basmati rice prices in India's national capital increase continuously from last three week, due to high demand againstrestricted supplies from producing regions. On April 21, 2016, prices of Pusa 1121 increased to around Rs.5, 600- 5,800 per quintal from previous levels of around Rs.5, 400-5,600 per quintal. Prices of common basmati increased to around Rs.6, 000-6,100 per quintal from previous levels of around Rs. 5, 800- 5,900 per quintal.

Ethiopia Buys 70000 Tonnes of Milling Wheat in a Tender



New Delhi.  In a tender of wheat that closed on Thursday, Ethiopia bought 70000 tonnes of milling wheat. The said quantity will be delivered in two lots of 35000 tonnes each at $285.67 and $286.17 per tonne respectively to inland silos. Ethiopia has another pending tender with a bidding deadline of April 28 for 60000 tonnes.

गेहूं की सरकारी खरीद 157 लाख टन के पार


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में गेहूं की सरकारी खरीद 157.34 लाख टन की हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 59.36 लाख टन से 97.98 लाख टन अधिक है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी  65.62 लाख टन, हरियाणा की 56.18 लाख टन और मध्य प्रदेष की 32.11 लाख टन है। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेष से अभी तक केवल 1.06 लाख टन और राजस्थान से 22.98 हजार टन की खरीद हो पाई है।
केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2015-16 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद की थी जबकि चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं की खरीद का लक्ष्य 300 लाख टन का रखा है। माना जा रहा है कि गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल से भी कम रहेगा। खरीद कम रहने का प्रमुख कारण मध्य प्रदेष और राजस्थान से प्राइवेट कंपनियों की खरीद ज्यादा होना है। मध्य प्रदेष की मंडियों में गेहूं के भाव एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल से उपर हो गए है जबकि राजस्थान में भी भाव ज्यादा है।.......आर एस राणा

केंद्र 66 रुपये अरहर और 82 रुपये में उड़द दाल बेचेगी


आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों को 66 रुपये प्रति किलो की दर से अरहर दाल और 82 रुपये प्रति किलो की दर से उड़द दाल की सप्लाई करने की योजना बनाई है। इसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को उड़द दाल पर 27 रुपये और अरहर दाल पर 14 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी देगी।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार उड़द और अरहर दाल पर राज्य सरकारों को 24.4 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। राज्य सरकारें जितनी जरुरत है उसके हिसाब से केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द दाल की खरीद कर सकते हैं। अभी केंद्र सरकार ने राज्यों को 8,000 टन अरहर और 2,000 टन उड़द जारी की है।....आर एस राणा

22 अप्रैल 2016

दस हजार दलहन राज्यों को सप्लाई करेगी सरकार

आर एस राणा
नई दिल्ली। दलहन की कीमतों में आई तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार बफर स्टॉक से 10 हजार दालें राज्यों को सप्लाई करेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार अरहर और उड़द की सप्लाई की जायेगी। इसके अलावा राज्यों को स्टॉक लिमिट पर सख्ती के लिए भी राज्यों के खाद्य सचिवों को कहां गया है।
खरीफ मार्किटिंग सीजन 2015-16 में केंद्र सरकार ने 50 हजार टन दालों की खरीद एमएसपी पर की हुई है जबकि 25 हजार दालों के आयात सौदे भी किए हैं। रबी सीजन में भी केंद्र सरकार एमएसपी पर एक लाख टन दलहन मुख्यतः चना और मसूर की खरीद करेगी।
केंद्र सरकार ने सेबी से चना के वायदा पर नजर रखने के लिए कहां है तथा जररुत पड़ने पर मार्जिन बढ़ाने को भी कहां है।.....आर एस राणा

धान का एमएसपी 60 रुपये बढ़ाने की सिफारिष

आर एस राणा
नई दिल्ली। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए धान का एमएसपी 60 रुपये बढ़ाने की सिफारिष की है। खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए कॉमन ग्रेड धान का एमएसपी बढ़ाकर 1,470 रुपये और ग्रेड ए धान का 1,510 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिष की है। खरीफ विपणन सीजन 2015-16 के लिए कॉमन ग्रेड धान का एमएसपी 1,410 रुपये और ग्रेड ए धान का एमएसपी 1,450 रुपये प्रति क्विंटल था......आर एस राणा

दलहन कारोबारियों पर इनकम टैक्स के छापे

इनकम टैक्स विभाग ने मुंबई, इंदौर और जलगांव के दलहन कारोबारियों के यहां छापे मारे हैं। इन छापों में इनकम टैक्स के अलावा जमाखोरी से जुड़ी जांच भी शामिल हो सकती है। बाजार में इस बात की चर्चा है कि दलहन कारोबारी चीनी की जमाखोरी कर रहे हैं। जिसे देखते हुए इन छापों की अहमियत बढ़ जाती है।
आपको बता दें कि कल ही बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाने की बात कही थी। साथ ही चना वायदा पर रोक लगाने पर विचार करने को भी कहा था।

केंद्र का भरोसा, दाल कीमतों पर रहेगी लगाम

केंद्र सरकार ने दाल की कीमतों में नियंत्रण का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक दाल और चीनी की कीमतों को काबू में रखने के लिए उनका मंत्रालय हरसंभव कदम उठा रहा है। मंत्री ने गुरुवार को पटना पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ परामर्श बैठक में कहा कि केंद्र सरकार देश में दाल की कीमतों को बढऩे नहीं देगी। उन्होंने कहा, 'हमें इस बारे में जानकारी मिली है। इस बारे में हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं। हम दाल की कीमतों को बढऩे नहीं देंगे। कीमतों पर नियंत्रण के लिए हम बफर स्टॉक बना रहे हैं। साथ ही, दाल का आयात भी कर रहे हैं।' उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने दाल की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को बफर स्टॉक बनाने को कहा है, जिसके तहत 50 हजार टन दाल का भंडार तैयार किया गया है। साथ ही, केंद्र सरकार 25,000 टन दाल का आयात भी कर रही है। मंत्री ने कहा, 'इसका मकसद घरेलू मांग को पूरा करना है। इसके अलावा, हम आने वाले दिनों में किसानों से 1 लाख टन और दाल खरीदेंगे। हम इस बार दाल की कीमतों को काबू में रखेंगे।'
 बीते साल दाल की कीमत में तेज इजाफे के लिए मंत्री ने जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'बीते साल दाल का आयात देर से हुआ था। इस वजह से कीमतों में इजाफा हुआ। साथ ही, जो माल आया भी उसे जमाखोरों ने बाजार में नहीं आने दिया। इस वजह से देश में 11 लाख टन दाल की किल्लत हुई, जिससे दाम में तेजी आई। हालांकि, इस बार हम ऐसा नहीं होने देंगे। इस बार हम घरेलू उत्पादन के साथ-साथ विदेशों में भी उत्पादन पर नजर रखे हुए हैं। इस बारे में वक्त आयात का ऑर्डर दिया जा चुका है। साथ ही, हमारे पास अच्छा-खासा बफर स्टॉक भी होगा। इस कारण से काम में इजाफा नहीं होगा।'
 वहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों से जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा है। मंत्रालय के सचिव सी. विश्वानाथन ने कहा, 'हमने इस बारे में सभी राज्यों से कहा है। हालांकि, अब तक गुजरात और तमिलनाडु की तरफ से लगातार कार्रवाई की रिपोर्ट मिल रही है। महाराष्ट्र में भी कार्रवाई हुई है, लेकिन बाकी राज्यों से इस बारे में समय पर जानकारी नहीं मिल रही है। राज्यों को इस बारे में मुस्तैदी से काम करना होगा।' वहीं, उन्होंने राज्यों के अधिकारियों को दाल का स्टॉक हासिल करने के लिए आगे आने को कहा है। वहीं, चीनी की कीमतों के बारे में भी मंत्री ने जल्दी ही स्थिरता का वादा किया। उन्होंने कहा, 'इस बारे में बुधवार को ही मंत्रालय की तरफ स्टॉक सीमित करने का आदेश जारी हो चुका है।' BS HIndi

21 अप्रैल 2016

एग्री कमोडिटी में मुनाफे का अच्छा अवसर

 एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाये, कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........



आर एस राणा
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बासमती के साथ ही गैर-बासमती चावल का निर्यात कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान देष से मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात में भी कमी आई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से फरवरी के दौरान देष से बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से 16.27 फीसदी घटकर 20,999.92 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 25,081.03 करोड़ रुपये का हुआ था।
इस दौरान देष से गैर बासमती चावल के निर्यात में 28.09 फीसदी की कमी आई है। वित वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान देष से मूल्य के हिसाब से 13,570.72 करोड़ रुपये मूल्य का ही गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 18,872.40 करोड़ रुपये का हुआ था।
इस समय बासमती के साथ ही गैर-बासमती धान और चावल की कीमतों में सुधार देखा जा रहा है। मिलर्स के पास स्टॉक कम है जबकि स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिकवाली नहीं है इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।........आर एस राणा

चीनी का निर्यात 83 फीसदी बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान चीनी के निर्यात में 83.14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से फरवरी के दौरान देष से 8,570.59 करोड़ रुपये मूल्य का चीनी का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में देष से 4,679.78 करोड़ रुपये मूल्य का चीनी का निर्यात हुआ था।......आर एस राणा

सोयाबीन की कीमतों में रहेगी तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक घट रही है जबकि सोया खली की घरेलू मांग अच्छी बनी हुई है। ऐसे में सोयाबीन की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 4,100 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
चालू सीजन में विष्वभर में सोयाबीन की कुल पैदावार में कमी आई थी। हालांकि ब्राजील और पैरागेवे में सोयाबीन की पैदावार ज्यादा हुई थी लेकिन अर्जेटीना, चीन और भारत में इसकी पैदावार में कमी आई थी। अर्जेटीना और चीन तथा भारत में मौसम प्रतिकूल होने का असर सोयाबीन की पैदावार पर पड़ा था। फसल सीजन 2015-16 में अर्जेटीना में सोयाबीन का उत्पादन 590 लाख टन का हुआ था जबकि उसके पिछले साल पैदावार 614 लाख टन हुई थी। इसी तरह से भारत में सोयाबीन की पैदावार 87 लाख टन से घटकर 75 लाख टन की ही हुई थी।
चीन में सोयाबीन की पैदावार में आई कमी के कारण सोयाबीन का आयात बढ़ा है। चीन ने अक्टूबर से फरवरी 2.016 के दौरान सोयाबीन का आयात 8 फीसदी ज्यादा किया है तथा अभी भी आयात ज्यादा किया जा रहा है जिसकी वजह से विष्व बाजार में कीमतों में तेजी आई है।
हालांकि फसल सीजन 2016-17 में मानसून अनुकूल रहने से सोयाबीन की पैदावार बढ़ने का अनुमान है लेकिन नई फसल आने में अभी कई महीने का समय बचा हुआ है जबकि सोयाबीन की कुल उपलब्धता कम है। ऐसे में घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आने का अनुमान है।.......आर एस राणा

20 अप्रैल 2016

एग्री जिंसों की दैनिक रिपोर्ट

ई-मेल से एग्री जिंसों की दैनिक रिपोर्ट , आगे कैसी रहेगी मार्किट में भाव की स्थिति, एग्री जिंसों का स्टॉक किस भाव पर करें, एग्री जिसों पर सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति, विदेषी बाजार की रिपोर्ट, उत्पादन और खपत आदि की जानकारी के अलावा देषभर की मंडियों में भाव की ताजा जानकारी के लिए संपर्क करें..... 

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वायदा से चना को बैन कर सकती है सरकार

आर एस राणा
नई दिल्ली। वायदा कारोबार में चना की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए सरकार वायदा से चना के कारोबार को बंद सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार लगातार कीमतों पर नजर रखे हुए है तथा जिस तरह से वायदा में इसके भाव में तेजी आई है उसको देखते हुए वायदा में चना के कारोबार को बंद भी किया जा सकता है।....आर एस राणा

चालू वित वर्ष में 55 लाख टन दलहन का रिकार्ड आयात


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित वर्ष 2015-16 में देष में रिकार्ड 55 लाख टन दलहन का आयात हुआ है। वित वर्ष 2014-15 में देष में 45.84 लाख टन और वित वर्ष 2013-14 में 36.54 लाख टन दालों का आयात हुआ था।...आर एस राणा

चीनी पर स्टॉक लिमिट लागने को कहा

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यों के खाद्य सचिवों को पत्र लिखकर चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाने की मांग की है। अतः ऐसे में चीनी की कीमतों में एक बार गिरावट आयेगी, इसलिए मौजूदा भाव में खरीद ना करें। भाव नीचे आने का इंतजार करें।.....आर एस राणा

जीरा का निर्यात बढ़ा


आर एस राणा
नई दिल्ली। जीरा में इस समय निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। निर्यात उंझा मंडी में जीरा की खरीद 16,200 से 16,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं जबकि मंडी में दैनिक आवक 28 से 30 हजार बोरी की हो रही है।
मार्च महीने में देष से 13,127 टन जीरा का निर्यात हुआ है जबकि फरवरी महीने में इसका निर्यात केवल 7,209 टन का हुआ था। विष्व बाजार में भारतीय जीरा का भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3,59 डॉलर प्रति किलो था।.....आर एस राणा

19 अप्रैल 2016

U.S Wheat Exports Down



New Delhi. As per USDA, U.S wheat exports at 309,200 MT (for the period 1st April- 7th April, 2016) were down 21 percent from the previous week and 18 percent from the prior 4-week average.  The primary destinations were Indonesia (86,100 MT), the Philippines (66,000 MT), Mexico (57,600 MT), Malaysia (26,600 MT), and South Korea (26,300 MT).

Malaysia's April 1-15 Palm Oil Exports Up 20.3 Percent: SGS



New Delhi. According to cargo surveyor Societe Generale de Surveillance, Malaysia April 1-15 palm oil exports rose by 20.3 percent to  499,918 tons from 415,686  tons in the corresponding period last month. Top buyers were India at 79,500 tons (68,950 tons), China at 62,618 tons (46,680 tons), European Union at 57,414 tons (64,303 tons), United States at 25,810 tons (30,550 tons) and Pakistan at 16,500 tons (10,000 tons). Values in brackets are figures of corresponding period last month

राजस्थान में मसूर की पैदावार ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। राज्य के कृषि विभाग द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार राजस्थान में फसल सीजन 2015-16 में मसूर की पैदावार 78,120 टन होने का अनुमान है जबकि दूसरे आरंभिक अनुमान में पैदावार का अनुमान 63,257 टन का था। पिछले साल राजस्थान में 42,500 टन मसूर का उत्पादन हुआ था।..........आर एस राणा

बिहार में 10 और आंध्रप्रदेष में मक्का की 50 फीसदी कटाई पूरी


आर एस राणा
नई दिल्ली। रबी मक्का की बिहार में 10 फीसदी कटाई हो चुकी है जबकि नई फसल में 15 से 16 फीसदी की नमी आ रही है। बिहार में फसल की उत्पादकता पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, साथ ही बुवाई भी ज्यादा हुई थी। ऐसे में रबी में बिहार में मक्का की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहेगी।
आंध्रप्रदेष में रबी मक्का की कटाई का 50 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है, तथा नई फसल में 13 से 14 फीसदी की नमी आ रही है।
दिल्ली में मक्का के भाव 1,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि गुजरात में मक्का की कीमतें घटकर 1,460 से 1,465 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है।......आर एस राणा

चीन की मांग से मूंगफली तेल की कीमतों में तेजी

नई दिल्ली । पिछले माह से चीन की ओर से मूंगफली के तेल की मांग जोर पकड़ रही है, जिससे पिछले एक महीने के दौरान इसके भाव करीब 20 फीसदी बढ़ चुके हैं। वैश्विक बाजार में पाम तेल समेत खाद्य तेलों की कम आपूर्ति से भी घरेलू बाजार में मूंगफली के दामों को बढ़ावा मिल रहा है। मूंगफली की मांग में आई तेजी के अनुरूप पेराई नहीं हो रही है, जिससे इस साल मूंगफली तेल का उत्पादन कम हुआ है। इसके अलावा कीमत बढऩे के साथ ही मूंगफली की घरेलू खुदरा मांग में भी गिरावट आई है। एक महीने पहले मूंगफली तेल की थोक कीमत 935 रुपये प्रति 10 किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 1,115 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गई है।