05 फ़रवरी 2014
सरकार के साथ से चना मजबूत
चने की बिगड़ती हालत को संभालने के लिए सरकारी हाथ बढऩे की संभावनाओं को देखते हुए वायदा बाजार में चने के कद्रदान खड़े होने लगे हैं। कमजोर मांग की वजह से चना लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रहा है, लेकिन चुनाव नजदीक होने के कारण सरकार मंडियों में चने की खरीद जल्द शुरू करेगी, जिसका फैसला इस सप्ताह कृषि मंत्रालय में होने वाली सभी राज्यों के कृषि सचिवों की बैठक में लिए जाने की संभावना है।
दलहन फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि मंत्रालय चने का एमएसपी बढ़ाकर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। लेकिन इस साल कभी भी एमएसपी के ऊपर नहीं गई हैं। पिछले एक साल में चने के दाम करीब 25 फीसदी लुढ़क चुके हैं। चना उत्पादक प्रमुख राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों में सरकारी नीतियों को लेकर नाराजगी है, जिसे सरकार चुनाव से पहले खत्म करना चाहती है।
कारोबारियों की मानी जाए तो सरकार इन राज्यों में चने की खरीदारी अगले सप्ताह से शुरू कर सकती है। राजस्थान के बीकानेर उद्योग मंडल के प्रवक्ता पुखराज चोपड़ा कहते हैं कि किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। अच्छी कीमत की उम्मीद में सालभर माल माल रोकने के बावजूद इसकी अच्छी कीमत नहीं मिली। किसानों को एमएसपी से नीचे चना बेचना पड़ रहा है। सरकार ने पूरे वर्षभर कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन चुनाव नजदीक के कारण उसे अब यह फैसला लेना ही होगा।
चना कारोबारी जितेश कहते हैं कि अचानक मांग निकलनी शुरू हो गई है। बाजार में माल की कमी नहीं है और कीमतों में सुधार की एकमात्र वजह आगामी चुनाव हैं। दरअसल, सटोरियों ने चने की खरीदारी जमकर शुरू की है, क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि सरकार 15 मार्च से चने की खरीद शुरू करेगी। इस समय हाजिर बाजार में चना 2,600 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीच बिक रहा है, जबकि वायदा बाजार में इसका भाव 2,845 रुपये प्रति क्विंटल बना हुआ है। ऐसे में एक महीने के अंदर चने से प्रति क्विंटल 400-500 रुपये कमाये जा सकते हैं। सटोरियों के इसी गणित की वजह से मंगलवार को वायदा बाजार में चने में तेजी देखने को मिली और यह 30 रुपये प्रति बढ़कर 2,845 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
चालू रबी सीजन में चने की बुआई भी पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन में देश में दलहन फसलों की बुआई 156.73 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल 31 जनवरी तक 149.09 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। 31 जनवरी तक देश में चने का रकबा 101.3 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक बुआई 93.4 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस बार 31 जनवरी तक मध्य प्रदेश में 34.8 लाख हेक्टेयर, राजस्थान 17.5 लाख और महाराष्ट्र में 17.4 लाख हेक्टेयर में चने की बुआई हो चुकी है।
कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार 2013-14 में दलहन फसलों का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन के आंकड़े पर पहुंचने की संभावना है। पिछले साल देश में दलहन उत्पादन 59 लाख टन था। सरकार ने चना किसानों का प्रोत्साहित करने के लिए एमएसपी 100 रुपये बढ़ाया है। चालू सत्र में चने का एमएसपी 3,000 रुपये से बढ़ाकर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। एमएसपी पर कारोबारी रजनीलाल कहते हैं कि किसान को इस समय एमएसपी से करीब 400-500 रुपये कम मिल रहे हैं। दरअसल सरकारी एजेंसियां किसानों का माल खरीदने में असफल रही हैं। ऐसे में एमएसपी बढ़ाने का मतलब समझ में नहीं आ रहा है। (BS Hindi)
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