05 फ़रवरी 2014
राजस्थान में कारोबार ठप
कृषि जिंसों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत लाने और लाइसेंस लेने के खिलाफ राजस्थान की कृषि उपज के व्यापारियों ने आज से दो दिन की सांकेतिक हड़ताल बुलाई है। पहले दिन के हड़ताल के कारण राज्य भर की प्रमुख मंडियां बंद रहीं जिसके कारण करीब 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ। प्रदेश के सभी व्यापारियों ने इस अधिनियम के तहत लाइसेंस लेने से मना कर दिया है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि पहले दिन राज्य भर की 247 मंडियां पूरी तरह बंद रहीं। मंडियों के बंद रहने से तकरीबन 70 हजार व्यापारी, 3.5 लाख मजदूर और पल्लेदारों ने भी काम नहीं किया। गुप्ता ने बताया कि आगे की रणनीति बनाने के लिए बुधवार को जयपुर में राज्य के सभी मंडी व्यापारियों की बैठक बुलाई गई है जिसमें व्यापारियों की सहमति के बाद आगे आंदोलन को किस तरह से चलाना है इस पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि सरकार तत्काल प्रभाव से मंडी में बिकने वाले कृषि जिंसों को लाइसेंस के दायरे से बाहर करे। केंद्र और राज्य सरकार को उन्होंने 3 फरवरी तक समय दिया था लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर हड़ताल की गई है। व्यापारियों ने कहा कि किसान जिस हालत में मंडी में माल लाता है, मंडी नियमों के मुताबिक उसी हालत में उसकी बिक्री करनी होती है। जिंसों के भींगने से गुणवत्ता पर असर पड़ता है जिसे मंडी नियम के तहत मिलावट (अडल्ट्रेशन) की परिभाषा में लिया जाता है और इस पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। यही वजह है कि व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं।
खाद्य कारोबार के लिए लाइसेंस अवधि बढ़ी
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रेस्टोरेंटों और खाने-पीने की वस्तुएं बेचने वालों को राहत देते हुए लाइसेंस हासिल करने के लिए 4 अगस्त तक की मोहलत दी गई है। इससे पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने लाइसेंस लेने के लिए 4 फरवरी की समय सीमा तय की थी। नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एफएसएसएआई को इसकी समयसीमा बढ़ाने को कहा था। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना था कि सरकार ने परमिट लेना आनिवार्य करने की घोषणा तो कर दी लेकिन लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया की बाबत कोई सुविधा नहीं दी, जिससे दिक्कत आ रही है। कुछ रेस्टोरेंट मालिकों ने कहा कि कई लोगों को शर्तों के तहत मानदंड पूरे करनेे में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें