13 फ़रवरी 2014
यार्न के बंपर निर्यात से कपास के मूल्य में ज्यादा गिरावट संभव नहीं
मौजूदा रुख : ऊंचे भाव पर मांग की नरमी से कपास के दाम सुस्त पड़े
मजबूत निर्यात
कॉटन यार्न
105.50 करोड़ किलो का निर्यात हुआ अप्रैल-दिसंबर में
75.74 करोड़ किलो शिपमेंट पिछले साल समान अवधि में
कपास
65 लाख गांठ के सौदे हुए चालू सीजन में अभी तक
55 लाख गांठ का निर्यात हुआ इस अवधि में
बाजार भाव
42800-42900 रुपये प्रति कैंडी पर कपास अहमदाबाद में सुस्त
89 सेंट प्रति पाउंड पर भाव है कॉटन का विश्व बाजार में
कॉटन यार्न में निर्यात मांग बढऩे से कपास की कीमतों में ज्यादा मंदे की संभावना नहीं है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान कॉटन यार्न के निर्यात सौदों के रजिस्ट्रेशन में 39 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात सौदे 105.50 करोड़ किलो के हो चुके हैं।
हालांकि ऊंचे भाव में मिलों की मांग कम होने से बुधवार को अहमदाबाद मंडी में शंकर-6 किस्म की कपास की कीमतों में 200-300 रुपये की गिरावट आकर भाव 42,800 से 42,900 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गए।
मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवनीत ग्रोवर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि कॉटन यार्न में चीन और बांग्लादेश की आयात मांग अच्छी बनी हुई है। चीन में कपास के आयात पर शुल्क यार्न के मुकाबले ज्यादा है। इसीलिए चीन के आयातक कॉटन यार्न का आयात ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में कॉटन यार्न के दाम 235 से 240 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं तथा आगामी महीनों में निर्यात मांग अच्छी रहने का अनुमान है।
ऐसे में घरेलू बाजार में कपास की मौजूदा कीमतों में ज्यादा मंदे की संभावना नहीं है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2013-14 के अप्रैल से दिसंबर के दौरान कॉटन यार्न के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन 105.50 करोड़ किलो का हुआ है जबकि वित्त वर्ष 2012-13 की समान अवधि में 75.74 करोड़ किलो का हुआ था।
कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू फसल सीजन 2013-14 (अक्टूबर से सितंबर) में अभी तक करीब 65 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है तथा लगभग 55 लाख गांठ की शिपमेंट भी हो चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास का भाव 89 सेंट प्रति पाउंड है। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने कपास के आरंभिक उत्पादन के अनुमान में कमी है।
हालांकि घरेलू बाजार में दाम बढऩे से कपास के निर्यात सौदों में तो पहले की तुलना में कमी आई है लेकिन यार्न की निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। अहमदाबाद मंडी में बुधवार को कपास की कीमतों में गिरावट देखी गई, लेकिन भविष्य में दाम तेज ही बने रहने की संभावना है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2013-14 में कपास की पैदावार 353 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में 340 लाख गांठ की पैदावार हुई थी। उधर सीएआई के अनुसार कपास का उत्पादन 374 लाख गांठ होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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